पूरे गांव ने लिखा शपथ पत्र, नहीं मनाएंगे होली 

 मेहनौन(गोंडा) 
गांव के श्रीराम जानकी मन्दिर से अष्टधातु निर्मित बेशकीमती भगवान राम, सीता, हनुमान एवं लक्ष्मण की मूर्ति को मन्दिर के गर्भ गृह से चोर बीते 11 फरवरी को उठा कर ले गए थे। 28 दिन बीत जाने के बाद पुलिस द्वारा मूर्तियों की बरामदगी न होने के विरोध में दूसरे दिन रविवार की सुबह सैकड़ों ग्रामणों ने मन्दिर के मुख्य द्वार पर विरोध प्रदर्शन एक शपथ पत्र भी भरा जिसमें यह लिखा गया कि मंदिर की मूर्ति की बरामदगी पुलिस द्वारा अभी तक नहीं हुई है जब भगवान ही नहीं है तो होली कैसे मने। 

ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि गांव में न होलिका जलेगी और न ही होली का पर्व। गांव वालों ने आरोप लगाया कि मूर्ति खुलासे को लेकर पुलिस की जांच ठंडे बस्ते पर चल रही है। जिससे पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे है। गांव के विजय प्रताप द्विवेदी एडवोकेट ने बताया कि इसी मन्दिर से 2015 में हुई भगवान लक्ष्मण की अष्टधातु निर्मित मूर्ति की भी चोरी हुई थी जिसका आज तक पुलिस खुलासा नहीं कर पाई और तो और पुलिस ने मामले में फाइनल रिपोर्ट भी न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया। मन्दिर में जब दूसरी बड़ी घटना गठित हुई तो पुलिस हाथ पे हाथ रखकर बैठी है। प्रधान प्रतिनिधि धीरेन्द्र तिवारी ने बताया कि गांव में होली न मनाने का निर्णय ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से एक शपथ पत्र लिखा है। 

उन्होंने बताया कि 13 मार्च को जिलाधिकारी से मिलकर एक मूर्ति खुलासे को लेकर एक ज्ञापन दिया जायेगा। इसके बाद मन्दिर के सामने ग्रामीणों के सहयोग से आमरण अनशन की शुरुआत होगी। इस दौरान  राजित राम त्रिवेदी, पूर्व प्रधान दिनेश शुक्ला, सुरेन्द्र तिवारी, सत्यदेव मिश्रा, माधव राज तिवारी, रामसमुझ माली, रामकेवल तिवारी, संतोष त्रिवेदी, अमृतलाल, राय साहब, शिवानंद पांडे, रामदीन द्विवेदी, अमरनाथ मिश्रा, नाथूराम मिश्रा, अजय कुमार मिश्रा, अशोक कुमार शुक्ला, ददूऊ  सहित तमाम ग्रामीण मौजूद रहे।

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