चाइनीज प्रोडक्ट का बहिष्कार करना आसान नहीं होगा: दुकानदार

नई दिल्ली 
देश के तमाम हिस्सों में मेड इन चाइना प्रोडक्ट के खिलाफ मुहिम तेज हो गई है. दिल्ली के तमाम बड़े ट्रेडर्स एसोसिएशन ने चाइनीज प्रोडक्ट के खिलाफ लड़ाई तेज कर दी है. वहीं दूसरी ओर लोगों की तरफ से भी चाइनीज प्रोडक्ट के खिलाफ गुस्सा नजर आ रहा है लेकिन जमीनी सच्चाई काफी अलग है. दरअसल दिल्ली के कुछ बड़े इलेक्ट्रॉनिक बाजार की ग्राउंड रियलटी यह है कि चाइनीज प्रोडक्ट वहां पर 80 से 93% तक कब्जा है ऐसे में चाइनीज प्रोडक्ट का बहिष्कार करना फिलहाल संभव नजर नहीं आता.   यही वजह है कि यहां से देश के कोने-कोने तक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की सप्लाई होती है. लेकिन एक हकीकत यह भी है कि यहां 90 फीसदी से ज्यादा सामान मेड इन चाइना मिलता है. इसमें पेन ड्राइव से लेकर महंगे से महंगे ब्रांडेड कंप्यूटर तक शामिल हैं.

नेहरू प्लेस के फाउंडिंग मेंबर और 1986 से यहां पर कंप्यूटर एसेसरीज का व्यापार कर रहे महेंद्र अग्रवाल कहते हैं, "कई लोग मुझसे और मेरे परिवार से कहने लगे हैं कि आप भी चाइनीज प्रोडक्ट का व्यापार छोड़ दें. लेकिन, यह तकनीकी रूप से संभव नहीं है. मैं अगर चाइनीज प्रोडक्ट का काम छोड़ दूंगा तो भूखा मर जाऊंगा क्योंकि मेरी शॉप समेत पूरे नेहरू प्लेस में 92 परसेंट तक मेड इन चाइना प्रोडक्ट ही मिलता है."

यहां की मौजूदा ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र अग्रवाल आगे कहते हैं, "कंप्यूटर में लगने वाली एक छोटी चिप से लेकर एलईडी, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क, मदरबोर्ड सबकुछ चाइना से ही आता है. आज की स्थिति यह हो गई है कि जब कभी भारतीय कंपनी अपने कुछ प्रोडक्ट्स के जरिए मार्केट में पकड़ बनाने लगती हैं तो उसके अल्टरनेट में चाइनीज प्रोडक्ट उससे सस्ता और बेहतर विकल्प यहां पर भेज देते हैं जिसके बाद ग्राहक चाइनीज प्रोडक्ट को ही पसंद करते हैं."
 
जब महेंद्र अग्रवाल से पूछा गया कि तो फिर क्या मेड इन चाइना प्रोडक्ट से बचने का कोई रास्ता नहीं है. तब महेंद्र अग्रवाल ने कहा, "रास्ता जरूर है लेकिन अचानक नहीं. हमें भी चाइना की तरह अपना प्रोडक्शन करना होगा. जरूरत यह है कि यहां की भी सरकार छोटे इंडस्ट्रीज और इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्रीज को उतना ही प्रमोट करें जितना चीन सरकार करती है. हमें कम कीमत पर जमीन उपलब्ध कराई जाए, बगैर किसी कमीशन के फैक्ट्री लगाने की इजाजत हो और जिसके बाद हमें लगता है कि भारत भी धीरे-धीरे अपनी पकड़ बना लेगा."

कुछ यही हाल कमोबेश दिल्ली की सबसे बड़ी होलसेल इलेक्ट्रॉनिक बाजार भागीरथ पैलेस का भी है. यहां झालरों से लेकर घरों में इस्तेमाल होने वाली एलईडी लाइट, पंखे, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आदि में चीन का दबदबा है. स्थिति तो ऐसी है कि हिंदू देवी-देवताओं की इलेक्ट्रॉनिक स्टेच्यू और झालर भी चीन से ही आती है.

भागीरथ पैलेस इलेक्ट्रिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत अहूजा कहते हैं, "यह सच है कि हमारे मार्केट में 60 से 80 फीसदी तक मेड इन चाइना प्रोडक्ट का दबदबा है. लेकिन हम देश के साथ हैं. ऐसे में चाहेंगे कि जल्द से जल्द कोई अल्टरनेटिव मिले ताकि भारतीय प्रोडक्ट चाइनीज प्रोडक्ट को पूरी तरह से पीछे छोड़ दें. ऐसा नहीं है कि हर प्रोडक्ट में मेड इन इंडिया प्रोडक्ट का अल्टरनेटिव नहीं है. लेकिन महंगा होने की वजह से लोग मेड इन चाइना प्रोडक्ट को प्रिफर करते हैं. ऐसे में लोगों से भी अपील है कि मेड इन इंडिया प्रोडक्ट को चुनें ताकि भारतीय कंपनी मजबूत हों और मेड इन चाइना प्रोडक्ट अपने आप मार्केट से आउट हो जाएं."

 

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