पुल टूटने के बाद कर्मनाशा नदी पर वैकल्पिक मार्ग का निर्माण शुरू, एक हफ्ते में राहत की उम्मीद

सैयदराजा(चंदौली)
यूपी-बिहार बार्डर पर कर्मनाशा नदी पुल के क्षतिग्रस्त होने से बाद ठप आवागमन को शुरू कराने के लिए वैकल्पिक मार्ग का निर्माण शुरू करा दिया गया है। अधिकारियों को उम्मीद है कि एक हफ्ते के अंदर इस मार्ग से आवागमन शुरू कर दिया जाएगा। इससे ट्रकों को लंबा रास्ता तय कर मिर्जापुर सोनभद्र के रास्ते बिहार जाने की मुसीबत से राहत मिलेगी।  

कर्मनाशा नदी पुल के तीन पीलर शनिवार की सुबह क्षतिग्रस्त हो गए थे। आनन-फानन पुल से आवागमन रोक दिया गया। इससे नौबतपुर बार्डर पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। छोटी गाड़ियों को तो पुराने जर्जर पुल से होकर जाने की इजाजत मिल गई लेकिन बड़ी गाड़ियां रोक दी गईं। बड़ी गाड़ियों को मिर्जापुर सोनभद्र होते  हुए बिहार जाने की सलाह दी जा रही है।

रविवार को एनएचएआई की ओर से क्षतिग्रस्त पुल के समीप वैकल्पिक मार्ग का निर्माण शुरू करा दिया गया। क्षतिग्रस्त पुल के दोनों तरफ वैकल्पिक मार्ग का निर्माण हो रहा है। इसके लिए चार पोकलेन, तीन गेडर, दो क्रेन, तीन जेसीबी, रोलर व एक दर्जन से अधिक डंफर लगाए गए हैं। डंफर नदी में मिट्टी डालने व मशीन से मिट्टी को समतल किया जा रहा है। नदी के पानी का बहाव जारी रखने के लिए सीमेंट की पाइप भी पहुंच गई है। अधिकारी चौबीसों घंटे यहां कैंप कर रहे हैं। दोनों प्रांतों की पुलिस भी ड्यूटी पर लगी है।

एनएचएआई के परियोजना निदेशक योगेश गढ़वाल ने बताया की नदी में पहले मिट्टी डाली जाएगी। इसके बाद बालू से भरे बैग रखे जाएंगे। फिर नदी के पानी के बहाव के लिए सीमेंट की पाइप बिछाई जाएगी। उसके ऊपर बालू व मिट्टी डाला जाएगा। फिर गिट्टी डाल कर सड़क बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि नया रास्ता नदी के तल से चार मीटर ऊंचा होगा। 40 मीटर लंबा सीमेंट का पाइप (ह्यूमन) डाला जाएगा। यदि सबकुछ ठीक ठाक रहा तो एक सप्ताह में निर्माण पूरा हो जाएगा।

क्षतिग्रस्त कर्मनाशा पुल पर बड़े वाहनों का आवागमन बंद होने से ट्रक चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छोटे व यात्री वाहन तो पुराने पुल मार्ग से आवागमन कर रहे हैं। लेकिन दोनों तरफ ट्रकों की लाइन लगी है। यूपी-बिहार को जोड़ने वाले पुल से प्रतिदिन छोटे-बड़े लगभग पांच हजार से अधिक वाहनों का आवागमन होता है। लेकिन शनिवार को पुल के पीलर का विंग टूटने और दो पीलरों में दरार आने से आवागमन बंद हो गया है। भारी वाहनों के समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। लोकल माल लदे ट्रकें तो दूसरे मार्गों से निकल गए। लेकिन लंबी दूरी के ट्रक चालकों की समझ में नहीं आ रहा की कैसे जाएं। उन्हें कड़ाके की ठंड व गलन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

क्षतग्रिस्त कर्मनाशा नदी पुल पर आवागमन बंद होने पर राजनीतिक बहस भी छिड़ गई है। सत्ता व विपक्ष पार्टियों के नेता व जनप्रतिनिधि हाल जान रहे हैं। साथ ही शासन से पुल निर्माण में बड़े पैमाने में हुई धांधली की जांच कराने की मांग की है। सपा के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने रविवार को नौबतपुर बार्डर पर पहुंचकर क्षतिग्रस्त कर्मनाशा पुल को देखा। उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे पर पुल के निर्माण में धांधली हुई है। इसकी निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए। साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे पर पुल क्षतिग्रस्त होने से लोगों का सड़क मार्ग से बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल ने नाता टूट गया है। इसके अलावा भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अनिल सिंह व जिला मीडिया प्रभारी शिवराज सिंह ने भी पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। अनिल सिंह ने एनएचएआई व निर्माण कंपनी के अधिकारियों से बात कर जल्द से जल्द डायवर्सन का कार्य पूर्ण करने की मांग की।

डीएम के आदेश के बाद भी पीडब्ल्यूडी की ओर से रविवार को पुराने पुल के मरम्मत का कार्य शुरू नहीं किया गया। सिक्स लेन से जुड़े क्षतिग्रस्त कर्मनाशा नदी पुल पर आवागमन बंद होने से छोटे व यात्री वाहन पुराने मार्ग से ही आवागमन कर रहे हैं। पुराने पुल मार्ग क्षतिग्रस्त व कई स्थानों की रेलिंग टूटने से दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है। खासकर रात व अलसुबह कोहरे में वाहनों के रेलिंग विहीन पुल से नदी में गिरने का डर बना है। एनएचएआई के पीडी ने दर्जनों मजदूरों को भेज कर पुल पर जमे मिट्टी, घास-पूस की सफाई कराया। पुराने मार्ग पर वाहनों का दबाव बढ़ने से जाम की समस्या बढ़ गई है।

कर्मनाशा नदी पर पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण चकिया-इलिया मार्ग पर ट्रकों का अचानक आवागमन बढ़ गया है। मालदह पुल के समीप रविवार को बिहार तक 10 किमी लंबा जाम लग गया। इससे उत्तर प्रदेश-बिहार में आने जाने वाले राहगीरों को मुसीबत का सामना करना पड़ा। नौबतपुर के समीप कर्मनाशा नदी पर बना पुल शनिवार को क्षतग्रिस्त हो गया। चंदौली होते हुए सभी ओवरलोड ट्रके चकिया होते हुए मालदह पुल के रास्ते बिहार जाने लगी। मालदह पुल के समीप से ट्रकों का लंबा जाम लग गया। शाम से लेकर रात तक वाहनों का लंबा काफिला बिहार प्रांत के कैमूर जिले तक पहुंच गया। जिला प्रशासन की ओर से चकिया मार्ग से जाने वाले लोडेड वाहनों पर रोक लगाने का प्रयास है।

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