पुलिस में भर्ती होना चाहता था पुलवामा हमले में शहीद हुआ अमित 

 
शामली

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान अमित कुमार की देश के लिए प्राण न्योछावर करने की तमन्ना तो पूरी हो गई, लेकिन परिवार के लिए बहुत कुछ करने की चाहत अधूरी ही रह गई।
 गरीबी और तंगहाली में पले बढ़े अमित चाहते थे कि वह पुलिस या फिर फौज में भर्ती हो। इससे वह अपने देश की सेवा के साथ ही अपने परिवार की भी सेवा कर सकेगा। सीआरपीएफ में भर्ती होकर एक सपना तो पूरा हो गया, लेकिन परिवार की सेवा के लिए उसने यूपी पुलिस की हाल ही में परीक्षा दी थी। शहीद के सहपाठी विनोद ने बताया कि सीआरपीएफ की नौकरी मिलने के बाद वह बेहद उत्साहित रहता था, लेकिन चाहता था कि यदि वह उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हो गया तो उसे परिवार की सेवा करने का भी मौका मिल जाएगा। सीमा पर जाने से पहले उसने पुलिस की परीक्षा दी थी और नौकरी की खुशी में एक मंदिर में भंडारा भी किया था।
 अमित ने परिवार की हालत को देखते हुए कम उम्र में ही किराना की दुकान पर नौकरी की। दस घंटे दुकान में बिताने के बाद वह बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाते थे। उन्होंने सीआरपीएफ का फार्म भरा और सलेक्ट होने पर किराना की दुकान की नौकरी छोड़ दी थी।

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