पीएमओ के निर्देश पर फिर खुली राजीव दीक्षित की मौत की फाइल, बयान के लिए तीन लोगों को भेजी चिठी

 
भिलाई

देश में स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे भारत स्वाभिमान आंदोलन के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे राजीव दीक्षित के मौत के मामले की जांच फिर से शुरू हो गई है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय से निर्देश मिलने के बाद दुर्ग पुलिस ने इसकी फाइल खोल दी है। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को बयान के लिए चिट्ठी भेजी है। बता दें कि 29-30 नवंबर 2010 की दरम्यानी रात राजीव दीक्षित की भिलाई के अपोलो बीएसआर हॉस्पिटल में मौत हो गई थी।

वे 29 नवंबर को बेमेतरा के तहसील प्रांगण में व्याख्यान देने के बाद भिलाई आ रहे थे। उसी दिन शाम चार बजे उनका अक्षय पात्र फाउंडेशन में भी व्याख्यान था, लेकिन तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा, जहां उनकी मौत हो गई थी। राजीव दीक्षित का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने हार्ट अटैक से मौत होने की पुष्टि की थी। भारत स्वाभिमान आंदोलन के दुर्ग निवासी पदाधिकारी दया सागर के निवास में वे बाथरूम में गिर गए थे। एलोपैथी चिकित्सा के विरोधी राजीव दीक्षित बाबा रामदेव से फोन पर चर्चा करने के बाद अस्पताल में भर्ती हुए थे।

इस घटनाक्रम से जुड़े झाबुआ, दिल्ली और हरिद्वार में निवासरत तीन लोगों का बयान लिया जाना है। उन्हें चिट्ठी भेजी है, लेकिन अब तक कोई नहीं आया है। बयान और घटना के समय के दस्तावेजों व रिपोर्ट की जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जा सकेगी।

– रोहित झा, एएसपी शहर व जांच अधिकारी

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