पिछले 72 साल से है एक अदद सड़क की मांग, खटिया पर डाल ले जाते हैं मरीजों को

बालाघाट
मध्यप्रदेश के बालाघाट लोकसभा सीट के मुर्गाटोली गाव में लोग सालों से पक्की सड़क की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन आजादी के 72 साल बाद भी इन गांव वालों को पक्की सड़क नसीब नहीं हुई है. यहां के आदिवासी मजबूरन किसी तरह उसी उबड़-खाबड़ और कीचड़ युक्त कच्ची सड़क पर चलने को मजबूर हैं. लोगों का कहना है कि विकास योजनाओं के एक साथ चौथाई कार्य भी यहां पूर्ण नहीं हो पा रहे हैं.

यहां के लोगों की एक खास बात ये रही कि यहां के आदिवासियों ने रास्ता बनाने के लिए किसी सरकार का इंतजार नहीं किया, बल्कि खुद की मेहनत और लगन से आने-जाने के लिए रास्ता बनवाया. हालांकि ये रास्ता पैदल जाने वाले लोगों के लिए तो ठीक है, लेकिन वाहनों के लिए ये बेहद खराब है.

यहां के रहने वाले लोगों का कहना है कि सैकड़ों गांवों की हालत तो इतनी खराब है कि बारिश में उनका मुख्य मार्गों से सड़क संपर्क भी टूट जाता है. यहां सरकारी योजनाओं की हालत ठीक नहीं है, इसी कारण यहां न कोई नेता, विधायक और तो और सरपंच तक नहीं पहुंच पाते. किसी के बीमार होने पर यहां रास्ता खराब होने के कारण मरीज को खाट पर ले जाया जाता है.

बता दें कि बालाघाट लोकसभा सीट में करीब 11 लाख के करीब आदिवासी मतदाता हैं. ये आदिवासी मतदाता ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव में इस इलाके की सियासी तकदीर लिखता है, लेकिन बावजूद इसके यहां विकास के नाम पर कुछ भी नहीं है.

गांव वाले पक्की सड़क की मांग आला अधिकारी, जनप्रतिनिधि और सीएम जनदर्शन तक कर चुके हैं, लेकिन आज तक विकास की चिड़िया इस गांव तक नहीं पहुंच पाई है. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार एक तरफ मोबाइल बांट रही है और बड़े-बड़े विकास के दावे करती है, लेकिन ग्रामीणों को एक पक्की सड़क तक दे पा रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *