पाकिस्‍तानी सेना पर बढ़ा दबाव, खतरे में इमरान खान की कुर्सी

इस्‍लामाबाद
पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी की कुर्सी पर संकट के काले बादल मंडराने लगे हैं। इस संकट के लिए कोई और नहीं बल्कि खुद पाकिस्‍तान की सेना जिम्‍मेदार है जिसने उन्‍हें कुर्सी पर बैठाया था। कोरोना वायरस संकट को सही से नहीं संभालने को लेकर विपक्ष के निशाने पर चल रहे इमरान खान को लेकर अब सेना पर दबाव बढ़ता जा रहा है।

खबरों के मुताबिक कोरोना वायरस संकट को ठीक ढंग से नहीं संभालने और राष्‍ट्रव्‍यापी लॉकडाउन को समय से पहले वापस लेने के इमरान खान के विवादित फैसले से पाकिस्‍तान इस महामारी का गढ़ बनता जा रहा है। पाकिस्‍तान में जून की शुरुआत में एक लाख मामले थे और इसके इस महीने 3 लाख तथा जुलाई के अंत तक 10 लाख मामले पहुंचने का अनुमान है। पूरे देश में सेना को तैनात किया गया है।

विपक्ष के न‍िशाने पर पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री
इमरान खान ने जिस 'स्‍मार्ट लॉकडाउन' को लेकर भारत पर तंज कसा था, वही उनके लिए गले की फांस बनता जा रहा है। पाकिस्‍तान के 20 शहरों में कोरोना की वजह से सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली तबाही की कगार पर पहुंच गई है। कोरोना की जांच करने वाली प्रयोगशालाएं नमूनों से भरी हुई हैं। डॉक्‍टरों को डर है कि मॉनसून के आने के बाद कोरोना अपने चरम पर पहुंचेगा। माना जा रहा है कि उसी समय पाकिस्‍तान में टिड्डों का भी बड़ा हमला होने वाला है।

इससे पाकिस्‍तान में खाने का संकट पैदा हो सकता है। विश्‍लेषकों का मानना है कि इससे पाकिस्‍तान की जनता में विद्रोह पैदा हो सकता है। इस पूरे संकट को लेकर विपक्ष के न‍िशाने पर पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान आ गए हैं। इमरान के बुरी तरह से घिरने के बाद अब सेना भी जनता के निशाने पर आ रही है। चूंकि सेना ने ही इमरान को कुर्सी पर बैठाया था, इसलिए अंतिम जिम्‍मेदारी सेना पर आ रही है।

अख्‍तर मंगल ने अपना समर्थन वापस लिया
बुधवार को इमरान खान को समर्थन देने वाले अख्‍तर मंगल ने अपना समर्थन वापस ले लिया। मंगल बलूचिस्‍तान के पूर्व CM रह चुके हैं। मंगल ने कहा कि खान कहते तो हैं कि वह सरकार चला रहे हैं लेकिन वह कोई फैसला नहीं ले रहे हैं। हालांकि अभी तक किसी विपक्षी नेता ने खुलकर सेना की आलोचना नहीं की है। उन्‍हें डर है कि बिना सेना के समर्थन के वे इमरान के बाद सत्‍ता में नहीं आ सकते हैं।

हालांकि इमरान खान को बचाने में लगी पाकिस्‍तानी सेना अब खुद फंसती दिख रही है। कोरोना को संभालने में अगर सरकार सफल नहीं रहती है तो सेना की साख पर बट्टा लग जाएगा। डॉन के पूर्व संपादक नसीर कहते हैं कि इमरान खान की नाकामियों के बाद भी सेना ने उन्‍हें अपना समर्थन जारी रखा। लेकिन अगर पाकिस्‍तान में आर्थिक संकट गहराता गया और जनता में असंतोष बढ़ा तो पाकिस्‍तानी सेना को अपने समर्थन पर फ‍िर से विचार करने को मजबूर होना पड़ेगा।

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