आइएएस अफसरों के तबादले, जुलानिया माध्यमिक शिक्षा मंडल और सलीना सिंह व्यापमं की अध्यक्ष बनीं

भोपाल

मध्यप्रदेश में आइएएस अफसरों के तबादले का दौर थम नहीं रहा है। राज्य शासन ने शनिवार को 6 आईएएस अफसरों की नई पदस्थापना की है। दो दिन पहले ही राज्य शासन ने भोपाल के कलेक्टर और कई आईपीएस अफसरों के तबादले किए थे।

केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटकर पदस्थापना का इंतजार कर रहे राधेश्याम जुलानिया को माध्यमिक शिक्षा मंडल का अध्यक्ष बनाया गया है, वहीं इसी पद पर काम कर रही 1986 बैच की आईएएस अधिकारी सलीना सिंह को व्यापमं यानी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड का नया अध्यक्ष बनाया गया है।

मुख्यसचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सलीना सिंह की ओर से प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (peb) के अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण करने पर आईएएस अधिकारी केके सिंह अतिरिक्त से मुक्त हो जाएंगे। केके सिंह आयुक्त कृषि उत्पादन भी हैं, जिस पर वे बने रहेंगे।

सूफिया डायरेक्टर बनीं
इधर, दूसरे आदेश में राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम की प्रबंध संचालक सूफिया फारूकी वली की भी नई पदस्थापना की गई है। वे प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की डायरेक्टर बनाई गई हैं। इसके साथ ही सूफिया के पास प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम का अतिरिक्त प्रभार भी रहेगा। इनके अलावा देवास के अपर कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी को चिकित्सा शिक्षा विभाग में उप सचिव बनाया गया है।

मुख्य सचिव इकबाल सिहं बैंस की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सूफिया फारूकी वली के संचालक प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड का कार्यभार ग्रहण करने पर धनराजू एस इसके अतिरिक्त प्रभार से मुक्त हो जाएंगे। 2009 बैच के आईएएस अधिकारी धनराजू एस संचालक कौशल विकास, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास मिशन और संचालक रोजगार के पद पर कार्य करते रहेंगे।

सोमेश मिश्रा बड़वानी भेजे गए
इधर, चिकित्सा शिक्षा विभाग में उप सचिव सोमेश मिश्रा को बड़वानी जिला पंचायत का मुख्य कार्यपालन अधिकारी बनाया गया है। वहीं होशंगाबाद जिला पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी आदित्य सिंह को भोपाल स्मार्ट सिटी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी बनाया गया है।

उपसंचालक को एक लाख का जुर्माना
इधर, राज्य के सूचना आयुक्त ने खनिज शाखा की उपसंचालक दीपमाला तिवारी पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाने का नोटिस थमाया है। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने माइनिंग की जानकारी पिछले एक साल से नहीं देने पर यह कार्यवाही की है। आमतौर पर अधिकतम जुर्माना 25 हजार रुपए होता है, लेकिन इस मामले में 4 अलग-अलग प्रकरणों में एक साथ कार्रवाई करते हुए 25 हजार के हिसाब से एक लाख रुपए जा जुर्माना लगाया गया है।

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