पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंध को डाउनग्रेड किया, द्विपक्षीय व्यापार भी निलंबित

इस्लामाबाद 
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने और राज्य के पुनर्गठन से पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा उसने भारत के साथ डिप्लोमैटिक रिलेशंस को डाउनग्रेड कर दिया है यानी राजनयिक संबंध का दर्जा घटा दिया है। इसके तुरंत बाद इस्लामाबाद ने भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को भारत लौटने के लिए कह दिया है। फिलहाल भारत में पाकिस्तान का कोई उच्चायुक्त नहीं है। वह इसी महीने नई दिल्ली में उच्चायुक्त भेजने वाला था लेकिन अब नहीं भेजेगा।

NSC की बैठक में लिए 5 फैसले 
बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नैशनल सिक्यॉरिटी कमिटी (NSC) की बैठक बुलाई थी, जिसमें ये फैसले हुए। बैठक के बाद जारी बयान में बताया गया कि कुल 5 फैसले लिए गए हैं। पहला फैसला यह है कि भारत के साथ डिप्लोमैटिक रिलेशंस को डाउनग्रेड किया जाएगा। दूसरा फैसला भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को सस्पेंड करने का है। तीसरा फैसला भारत के साथ द्विपक्षीय रिश्तों और व्यवस्थाओं (समझौतों) की समीक्षा करने का है। चौथा फैसला मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाया जाएगा, UNSC में भी उठाया जाएगा। पांचवां फैसला 14 अगस्त को 'कश्मीरियों के साथ एकजुटता' जाहिर करने और 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस को 'काला दिवस' के रूप में मनाने का लिया गया है। 

पाकिस्तान ने भारत को दी जानकारी 
पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि उसने भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को निष्कासित करने के अपने निर्णय के बारे में भारत को सूचित कर दिया है। पाकिस्तान ने यह भी निर्णय लिया कि वह अपने नवनियुक्त उच्चायुक्त मोइन उल-हक को दिल्ली नहीं भेजेगा, जहां वह कार्यभार संभालने वाले थे। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने एक औपचारिक बयान में कहा, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के आज के निर्णय के अनुसार, भारत सरकार को बता दिया गया है कि वह पाकिस्तान स्थित अपने उच्चायुक्त को वापस बुला ले।’ प्रवक्ता ने कहा है, ‘भारत सरकार को यह भी सूचित किया गया है कि पाकिस्तान अपने नवनियुक्त उच्चायुक्त को दिल्ली नहीं भेज रहा है।' बता दें कि भारत ने संविधान के अनुच्छेद 370 के उन प्रावधानों को खत्म कर दिया है जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को कई तरह के विशेषाधिकार मिले हुए थे। इसके अलावा राज्य को 2 केंद्रशासित भागों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया है। इससे पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है और लगातार भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दे रहा है। 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को संसद में कहा था कि कश्मीर पर लिए गए फैसलों के बाद भारत में पुलवामा जैसे हमले हो सकते हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि इससे परमाणु हथियार से संपन्न दोनों पड़ोसियों के बीच मौजूदा तनाव में युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। पाकिस्तान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी तो इमरान से भी एक कदम आगे बढ़ते हुए बुधवार को कहा कि पाकिस्तान को भारत के खिलाफ युद्ध से नहीं डरना चाहिए। चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान को अपमान और युद्ध में से किसी एक को चुनना होगा। उन्होंने भारत के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को पूरी तरह से खत्म करने की भी मांग की। 

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