पश्चिम यूपी में बीजेपी के सामने ‘कैराना मॉडल’ की चुनौती

कैराना 
लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण की वोटिंग जारी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 महत्वपूर्ण सीटों (सहारनपुर, कैराना, गाजियाबाद, बागपत, मेरठ, बिजनौर, गौतमबुद्धनगर और मुजफ्फरनगर)पर मतदान जारी है। इन सभी आठ सीटों पर बीजेपी के राष्ट्रवाद और हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण के सामने विपक्ष के 'कैराना मॉडल' को पार पाने की चुनौती होगी। ऐसा इसलिए भी कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां की सभी 8 सीटों पर जीत दर्ज की थी।  

यूपी में पहले चरण के तहत जिन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उसमें तीन केंद्रीय मंत्रियों जनरल वीके सिंह (गाजियाबाद), सत्यपाल सिंह (बागपत) और महेश शर्मा (गौतमबुद्धनगर) के साथ-साथ राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के अध्यक्ष अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी मैदान में हैं। 
माना जा रहा है कि पहले चरण का यह चुनाव दूसरे चरणों पर भी काफी हद तक प्रभाव डालेगा। 2014 में बीजेपी ने यहां सभी सीटों पर जीत जरूर दर्ज की थी। पर, उपचुनाव में विपक्ष ने बीजेपी से यह सीट छीन लगी थी। दरअसल, कैराना उपचुनाव में आरएलडी के बैनर पर संयुक्त विपक्ष (एसपी, बीएसपी और आरएलडी) की उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने बीजेपी उम्मीदवार मृगांका सिंह को बड़े अंतर से हराया था। 
  
पहले चरण का रण
लोकसभा चुनाव के उत्सव का आगाज हो गया है। पहले चरण के चुनाव में कुल 91 लोकसभा सीटों पर मतदान है। इनमें से 15 सीटें ऐसी हैं जहां पर मुकाबला कांटे का है। कहीं उम्मीदवारों की चर्चा है तो कहीं सीट कई मायनों में खास है। लोकसभा चुनाव इस बार 7 चरणों में पूरे होंगे और 23 मई को परिणाम आएगा। 

इस बार फिर साथ हैं तीनों पार्टियां 
2014 लोकसभा चुनाव में इन पार्टियों के अलग-अलग चुनाव लड़ने का भी फायदा बीजेपी को पहुंचा था। पर, इस बार तीनों ही पार्टियां साथ हैं। सिर्फ पश्चिमी यूपी नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में इनका गठबंधन है। हालांकि पहले चरण में 8 में से 4 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी भी मजूबती से मैदान में हैं और ऐसे में यहां त्रिकोणीय मुकाबला तय है। 

सहारनपुर में त्रिकोणीय मुकाबला 
सहारनपुर ऐसी ही एक सीट है, जहां मुकाबला त्रिकोणीय है। यहां गठबंधन के अलावा बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी भी काफी मजबूत हैं। यहां गठबंधन उम्मीदवार फजलुर्रहमान और बीजेपी के वर्तमान सांसद और प्रत्याशी राघव लखनपाल के सामने कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद मैदान में हैं। बता दें कि 2014 में मोदी लहर में भी मसूद ने वहां बीजेपी प्रत्याशी लखनपाल को कड़ी चुनौती दी थी। 

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