पश्चिम मध्य रेलवे : बिना कारण ट्रेन डिले होने पर अफसरों पर होगी कार्रवाई
भोपाल
पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल में ट्रेन परिचालन को लेकर दिए गए एक निर्देश से परिचालन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल अब बिना किसी ठोस कारण के ट्रेन 15 मिनट से अधिक लेट होती है तो लोको पायलट से लेकर संबंधित सेक्शन के अफसर से जवाब तलब किया जाएगा। लापरवाही सामने आने पर उन पर विभागीय कार्रवाई भी होगी।
ज्ञात हो कि भोपाल रेल मंडल में प्रवेश करते ही ट्रेनें लेट होना शुरु हो जाती हैं। बताया जाता है कि दिल्ली और झांसी तरफ से आने वाली ट्रेनें बीना तक तो राइट टाइम चलती हैं लेकिन भोपाल रेल मंडल में प्रवेश करते ही उनका लेट चलने का सिलसिला शुरु हो जाता है। कुछ ट्रेनें तो अपनी लेटलतीफी के लिए कुख्यात हैं। भोपाल-खजुराहो महामना एक्सप्रेस अक्सर एक से डेढ़ से दो घंटे तक लेट हो जाती है। इसी तरह नई दिल्ली से जबलपुर के बीच चलने वाली श्रीधाम एक्सप्रेस तो कभी टाइम से चलती ही नहीं। वहीं महाकोशल और दयोदय भी अक्सर लेट चलती हैं।
जबलपुर-वेरावल सोमनाथ एक्सप्रेस उज्जैन से भोपाल आते समय अक्सर आधे से पौन घंटा विलंब से आती है। इनके अतिरिक्त कई मेल एक्सप्रेस श्रेणी की गाड़ियां भोपाल रेल मंडल में प्रवेश करते ही लेट चलना शुरु कर देती हैं। ट्रेन विलंब से चलने की प्रतिदिन तीस से चालीस शिकायतें रेल मंत्रालय तक पहुंच रही हैं।
ट्रेन परिचालन को पटरी पर लाने के लिए भोपाल रेल मंडल ने एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें यदि कोई ट्रेन बिना किसी ठोस कारण के 15 मिनट से अधिक लेट होती है तो उसके लोको पायलट और संबंधित परिचालन अधिकारी पर कार्रवाई होगी। ट्रेन के लेट होने की पूरी जांच की जाएगी। यदि ट्रेन के लेट होने का ठोस कारण नहीं हुआ तो रनिंग स्टाफ पर कार्रवाई होगी। कन्ट्रोल रूम से ट्रेन की रनिंग पोजिशन और लेट होने की मूल वजह तलाशी जाएगी। यदि गलती लोको पायलट की हुई तो उससे जवाब तलब किया जाएगा। ज्ञात हो कि भोपाल रेल मंडल में ट्रेनों की लेटलतीफी से रेलवे बोर्ड भी नाराज है। यहां कई ट्रेनों को जरूरत से ज्यादा ही आउटर पर रोक दिया जाता है।