पर्सनल ट्रेनिंग, रिंग की ट्रेनिंग से काफी अलग: अमित पंघल

नई दिल्ली 
विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप (WBC) के रजत पदक विजेता भारतीय मुक्केबाज अमित पंघल (Amnit Panghal) का मानना है कि कोविड-19 (Covid- 19) से पहले मुक्केबाज जिस स्थिति में थे, उस स्थिति में लौटने के लिए उन्हें (मुक्केबाजों को) कम से कम दो सप्ताह की जरूरत पड़ेगी। उनका मानना है कि ऐसे में जबकि स्टेडियम खोल दिए गए हैं, मुक्केबाजी जैसे खेलों में पूरी तरह से प्रशिक्षण प्राप्त करने में अधिक समय लगेगा। पंघल ने कहा, 'हमें अपने स्किल्स को बेहतर करने में कम से कम दो सप्ताह का समय लगेगा। यह खेल खिलाड़ियों से सीधे संपर्क में आने का है। इसलिए मुझे यकीन है कि हम कई अन्य खेलों की तुलना में प्रशिक्षण को देर से शुरू करेंगे, इसलिए हमें अपने रिफ्लेक्सेस पर फिर से काम करना होगा।' उन्होंने कहा, 'हमें अपना धैर्य वापस पाने पर भी काम करना होगा। अभी केवल व्यक्तिगत स्तर पर ट्रेनिंग हो रही है, जोकि रिंग की ट्रेनिंग से काफी अलग है।' पंघल ने कहा, 'मुझे भरोसा है कि खेल मंत्रालय या भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) हमारे लिए जो भी योजना बनाएगा, वह ओलिंपिक की तैयारियों के लिए अच्छी होगी। ओलिंपिक में अभी समय है, इसलिए मुझे विश्वास है कि भारतीय वहां से भी बहुत कुछ (पदक) हासिल कर सकते हैं।' 

कोरोना वायरस (Coronavirus) को रोकने के लिए सरकार ने रविवार को लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि को आगे बढ़ा दिया है। इस दौरान स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, स्टेडियमों को सिर्फ खिलाड़ियों के लिए ही खोला जाएगा। पंघल को उम्मीद की थी कि लॉकडाउन 17 मई के बाद भी बढ़ाया जाएगा, लेकिन उन्हें स्टेडियमों के खोलने की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा, 'मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी। कोई भी वास्तव में कुछ भी नहीं जानता है, इसलिए किसी भी चीज की उम्मीद करना या न करना मुश्किल है। मुझे यकीन था कि कोरोना संक्रमितों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए लॉकडाउन आगे बढ़ाया जाएगा। लेकिन मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी कि स्टेडियम खोले जाएंगे।' 
 

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