पर्यावरण संरक्षण के लिए स्वीडन की ऐक्टिविस्ट किशोरी ने दिया PM नरेंद्र मोदी को संदेश

 
लंदन

स्वीडन की 16 साल की किशोरी ग्रेटा थुनबर्ग आज पर्यावरण संरक्षण के लिए होनेवाले प्रदर्शनों की पोस्टर गर्ल है। स्टॉकहोम में पिछले साल पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदर्शन कर ग्रेटा ने दुनियाभर में मिसाल कायम की। अकेले शुरू किए उसके मुहिम में कई देश और संगठन जुड़ गए। ग्रेटा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी इस ग्रेटा ने पर्यावरण संरक्षण के लिए खास संदेश दिया है। 
  जब ग्रेटा से पूछा कि वह प्रधानमंत्री को क्या संदेश देना चाहती हैं, तो उन्होंने कहा, 'इसे बहुत गंभीरता से लें और इस पर ठोस कदम उठाएं। अगर हम अभी ऐसा नहीं करते हैं तो भविष्य में आपको गंभीरता से नहीं लिया जाएगा। आपके ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और अगर आप इसके लिए कुछ नहीं करेंगे तो भविष्य में इस गंभीर समस्या के लिए लोग आपको ही दोषी ठहराएंगे।' 

भारत के स्कूली बच्चों से ग्रेटा काफी प्रभावित है और कहती हैं कि भारतीय बच्चे बहुत बहादुर हैं और वह पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक हैं। ग्रेटा ने खास बातचीत में कई मुद्दों पर चर्चा की। 

जलवायु परिवर्त की दिशा में भारत को कौन से कदम उठाने की जरूरत है? 
सबसे पहले तो इसे एक बहुत बड़ी समस्या समझने की जरूरत है और इसके लिए जागरूकता अभियान चलाना होगा। जाहिर है कि उत्सर्जन कम करना होगा, लेकिन भारत विकासशील देश है। इस लिहाज से देखें तो स्वीडन जैसे देशों को उत्सर्जन पहले कम करने की जरूरत है और भारत की तुलना में विकसित देशों को ज्यादा प्रभावी तरीके से उत्सर्जन घटाना होगा। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आपका क्या संदेश है? 
इसे बहुत गंभीरता से लें और इस पर काम करें। अगर आप ऐसा नहीं कर पाए तो भविष्य में आपको गंभीरता से नहीं लिया जाएगा। आपको बहुत बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है और अगर आप कुछ नहीं करते हैं तो इस गंभीर समस्या के लिए भी आपको ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा। 

क्या भारत के स्कूल के बच्चों के लिए आप कोई संदेश देना चाहेंगे? 
मुझे लगता है कि हजारों भारतीय बच्चे पर्यावरण के लिए कदम उठा रहे हैं और यह देखना बहुत सुखद है। ये बच्चे बहुत बहादुर हैं। जो लोग इस दिशा में कदम नहीं उठा रहे हैं उन्हें पर्यावरण संकट के बारे में पढ़ना चाहिए और जानना चाहिए कि क्या कुछ हो रहा है और इसके बाद पिछली पीढ़ी के लोगों को इसके लिए जवाबदेह बनाना होगा।

पर्यावरण के लिए स्वीडन और लंदन में प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन चीन जहां सबसे अधिर उत्सर्जन हो रहा है वहां ऐसी कोई मुहिम नहीं दिख रही? 
अगर मुझे चीन से से निमंत्रण मिलता है तो मुझे बहुत खुशी होगी। मैं हवाई यात्रा नहीं करती हूं तो मुझे ट्रेन से ही जाना चाहिए और इसके लिए काफी वक्त लगेगा और इसके लिए मुझे काफी पहले से ही तैयारी करनी होगी। 

क्या आपको लगता है कि भारत भी बहुत अधिक मात्रा में ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन कर रहा है? 
हां, बिल्कुल! आंकड़ों के अनुसार, उत्सर्जन करनेवाले देशों में भारत काफी आगे है। भारत की जनसंख्या बहुत अधिक है और इस कारण भी वहां प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक रहता है और भी कई कारण हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *