परिवार में रार या चुनाव में हार, लालू क्यों हैं बीमार, डॉक्टरों ने बताई वजह

पटना         
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और चारा घोटाले के चार मामलों में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मुखिया लालू प्रसाद यादव लोकसभा चुनावों के बाद बहुत चिंतित बताए जा रहे हैं. इसकी वजह से उन्होंने कई बार भोजन नहीं लिया और रात में उन्हें नींद भी नहीं आ रही है. डॉक्टरों के बहुत समझाने पर उन्होंने रविवार से पुनः सामान्य भोजन लेना शुरू किया.

डॉक्टरों का कहना है कि लालू यादव कई तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं. लेकिन फिर भी उनका स्वास्थ्य चिंता का विषय नहीं है क्योंकि डॉक्टर उनकी हेल्थ पर लगातार निगरानी रख रहे हैं. बल्कि उनकी चिंता की असली वजह लोकसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार और परिवार में मनमुटाव है जिससे वह परेशान हैं और इसकी वजह से रात में ठीक से सो भी नहीं पा रहे हैं.

डॉक्टरों का मानना है कि लालू यादव की पार्टी का भविष्य दांव पर लगा है और वह अपनी राजनीतिक विरासत को लेकर भी चिंतित हैं क्योंकि उनकी गैर मौजूदी में उनका कोई भी पुत्र उभर नहीं पाया है, और इसी बात को लेकर वह चिंतित हैं.

इससे पहले, न्यायिक हिरासत में रांची में रिम्स में भर्ती लालू प्रसाद यादव के चिकित्सकों की टीम के प्रमुख डॉ. उमेश प्रसाद ने बताया था कि 24 और 25 मई को लालू ने भोजन नहीं लिया लेकिन उन्हें जब समझाया गया कि दवाइयां लेने के लिए भोजन आवश्यक है तो वह रविवार से सामान्य भोजन ले रहे हैं. लालू को अपने वार्ड में अत्यधिक बेचैन देखा गया और उन्हें नींद न आने की भी शिकायत थी.

न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक डॉक्टरों के अनुसार, अब सब कुछ सामान्य है. वह अपना भोजन और दवा ले रहे हैं और उनका स्वास्थ्य भी ठीक है. लालू प्रसाद यादव 23 दिसंबर, 2017 से चारा घोटाले के तीन मामलों में 14 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा पाने के बाद से यहां बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं.

बता दें कि लालू यादव की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट तक से खारिज हो चुकी है. इससे पूर्व वर्ष 2013 में चारा घोटाले के एक मामले में भी उन्हें सजा हो चुकी है लेकिन उक्त मामले में उन्हें बाद में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी. लालू की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को इस बार के आम चुनावों में एक भी सीट नहीं मिली है. उसका न सिर्फ झारखंड में सूपड़ा साफ हो गया बल्कि बिहार में भी उसकी बहुत बुरी स्थिति रही.

बिहार में लालू की पार्टी के महागठबंधन को 40 में से सिर्फ 1 सीट मिली. वह सीट भी कांग्रेस ने जीती. झारखंड में लालू के महागठबंधन को सिर्फ 2 सीटें मिलीं जिनमें से राजमहल की सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा और सिंहभूम की सीट कांग्रेस के खाते में गई. हाल के वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है जब लोकसभा में लालू की पार्टी से कोई भी सांसद नहीं होगा. चुनावों से ठीक पहले झारखंड में लालू की पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रहीं अन्नपूर्णा सिंह यादव ने बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया और उन्होंने बीजेपी के टिकट पर कोडरमा से चुनाव लड़कर बड़ी जीत दर्ज की.

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