‘परमेश्वर फैक्टर’ बचाएगा कुमारस्वामी सरकार? 4 कांग्रेस विधायक अहम

 बेंगलुरु 
एक ऐसे वक्त में जब बीजेपी की कर्नाटक में सरकार बनने की उम्मीदें परवान पर हैं, परमेश्वर फैक्टर पार्टी का खेल बिगाड़ सकता है। कांग्रेस और जेडीएस के 13 विधायकों ने शनिवार को अपना इस्तीफा सौंपा था। इसके बाद से एचडी कुमारस्वामी की अगुआई वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार संकट में घिरी दिख रही है। इस बीच खबर है कि कुछ और विधायक मंगलवार तक इस्तीफा देकर कुमास्वामी सरकार की मुसीबतों में इजाफा कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर विधानसभा स्पीकर अब इस्तीफा दे चुके विधायकों को नोटिस जारी करने की तैयारी में हैं। 

बेंगलुरु क्षेत्र के 4 विधायक परमेश्वर से असंतुष्ट 
कांग्रेस के चार विधायकों के इस्तीफे के पीछे उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर को कथित रूप से जिम्मेदार माना जा रहा है। इस्तीफा देने वाले विधायकों में से 10 कांग्रेस और तीन जेडीएस के हैं। बेंगलुरु क्षेत्र से आने वाले चार विधायक- एसटी सोमशेखर, बी बासवराजू, एन मुनिरत्ना और रामलिंगा रेड्डी बीजेपी की मदद करने से पीछे हट सकते हैं, क्योंकि परमेश्वर से उनके निजी विरोध को सुलझाया जा सकता है। ऐसे में इस बात के आसार हैं कि इन चार विधायकों के इस्तीफे स्पीकर केआर रमेश कुमार द्वारा मंजूर करने की नौबत ही न आए। ये सभी विधायक कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया के करीबी हैं। 
 
परमेश्वर ने कहा- आहत नहीं किया 
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इन चार विधायकों को कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार की कार्यप्रणाली से कोई समस्या नहीं थी। लेकिन परमेश्वर से निजी खुन्नस की वजह से विधायकों ने ऐसा कदम उठाया। डेप्युटी सीएम परमेश्वर के पास मंत्रिमंडल में बेंगलुरु विकास का विभाग भी है। रविवार को परमेश्वर ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने रामलिंगा रेड्डी या किसी अन्य विधायक को आहत करने की कोशिश नहीं की थी। परमेश्वर ने कहा, 'ऐसी कोई वजह नहीं है कि बेंगलुरु से आने वाले विधायक मुझसे दुश्मनी जैसी भावना रखें।' 

इस बीच विधायकों के पालाबदल की कोशिश से जुड़े एक बीजेपी नेता का कहना है, 'बेंगलुरु के बागी कांग्रेस विधायकों और बीजेपी के बीच भरोसे की कमी हो सकती है लेकिन हम उम्मीद कर रहे हैं कि परमेश्वर से उनकी निजी खुन्नस उससे ज्यादा है जितनी बताई जा रही है।' 
 
सरकार बचाने का फॉर्म्युला! 
कुमारस्वामी सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस-जेडीएस हर फॉर्म्युले पर विचार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि 4-5 बागी विधायकों को संतुष्ट करने के लिए उन्हें मंत्री पद दिया जा सकता है। कुछ मंत्रियों को इसके लिए इस्तीफा देने को कहा जा सकता है। मंत्रियों की इस लिस्ट में कृष्णा बायरेगौड़ा, प्रियांक खड़गे, यूटी खादर, बीजेड जमीर अहमद खान, और एमसी मानागुली का नाम शामिल है। 

रविवार को सरकार बचाने के प्रयासों के मद्देनजर मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक कांग्रेस प्रभारी केसी वेणुगोपाल, जी परमेश्वर और एमबी पाटिल ने लगातार कई बैठकें कीं और फैसला लिया कि बागियों को मंत्री पद देकर मनाया जाए। ये नेता लगातार एच डी देवगौड़ा के संपर्क में भी रहे। सूत्रों के मुताबिक, सभी बागियों को मनाने की बजाए गठबंधन के नेता बेंगलुरु के चार विधायकों (एस टी सोमशेखर, बी बासवराजू, एन मुनिरत्ना और रामलिंगा रेड्डी) को मनाने पर ध्यान दे रहे हैं। 

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इसके साथ ही एक दूसरे फॉर्म्युले पर भी काम किया जा रहा है। इसके तहत गठबंधन के नेता बीजेपी विधायकों के संपर्क में हैं। ऐसी संभावना भी है कि 5-6 बीजेपी विधायक पाला बदल सकते हैं। बीजेपी ने भी सोमवार शाम 5 बजे अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। कहा जा रहा है कि पलटवार की आशंका को देखते हुए बीजेपी ने अपने 105 विधायकों के लिए 30 कमरे बुक कराए हैं। 

सियासत का तूफानी संडे 
जेडीएस के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने इस मुद्दे पर मल्लिकार्जुन खड़गे से बात की और कहा कि जरूरत पड़ने पर कुमारस्वामी की जगह नए नेता को सीएम बनाने के लिए वह तैयार हैं। वहीं कुमारस्वामी ने विदेश यात्रा से लौटने के बाद पार्टी नेताओं के अलावा सिद्धारमैया से भी मुलाकात की। 

सिद्धारमैया के आवास पर भी नेताओं का जमावड़ा रहा। इसके अलावा केसी वेणुगोपाल और दूसरे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने एक होटल में बैठक की। जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने संकट को सुलझाने के लिए देवगौड़ा से मुलाकात की। 

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा तुमकुरु के एक मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे। वहीं उनके करीबी पीए संतोष, अरविंद लिंबावली, सीएन अश्वथनारायण और सीपी योगेश्वर ने पार्टी नेताओं से मुलाकात की। बीजेपी यह भी कह रही है कि इस सबमें उसका कोई हाथ नहीं है। कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि वह राज्यपाल से मिलने नहीं जा रहे हैं और विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का इंतजार करेंगे। 
 

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