नीमच जेल ब्रेक : अब तक अधीक्षक सहित 8 जेल प्रहरी निलंबित, हाथ नहीं लगे क़ैदी

नीमच
नीमच की कनावटी जेलब्रेक मामले में महिला जेल प्रहरी सहित 3 और प्रहरियों को निलंबित कर दिया गया है. इन्हें मिलाकर इस केस में अब तक जेल अधीक्षक सहित 7 प्रहरी निलंबित किए जा चुके हैं. लेकिन जेल ब्रेक के 48 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. अभी तक फरार क़ैदियों का सुराग नहीं लग पाया है. सोमवार को पुलिस ने इस कांड के मास्टर माइंड विनोद डांगी को ज़रूर पकड़ लिया था, जिसने जेल ब्रेक की पूरी साज़िश रची थी.

कनावटी जेलब्रेक केस में एसपी ने काम में लापरवाही बरतने पर महिला जेल प्रहरी सहित 3 और प्रहरियों को निलंबित कर दिया है. इसे मिलाकर इस केस में अब तक 7 प्रहरियों को निलंबित किया जा चुका है. 2 जेल प्रहरियों को कल 24 जून को धारा 120 बी के गिरफ्तार किया गया है. जेल अधीक्षक वसूनिया को रविवार को ही सस्पेंड कर दिया गया था.
 
कनावटी जेल ब्रेक के मास्‍टरमाइंड विनोद डांगी को नीमच पुलिस ने सोमवार को हिरासत में लिया था. वो मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल है और हाल ही में 11 जून को इस जेल से रिहा हुआ था. लेकिन उसके बाद से लगातार वो जेल आ रहा था. उसी ने जेलब्रेक की पूरी साज़िश रची थी. विनोद से मिली जानकारी और पुलिस जांच में जेल प्रहरियों की मिलीभगत उजागर हुई थी. पुलिस भी यह मान रही है की लम्बे समय तक पदस्थ रहने के कारण जेल और पुलिस में नीचे के स्टाफ की ड्रग डीलरों से मिली भगत हो सकती है.

नीमच राकेश कुमार सागर ने बाद में मीडिया को बताया था कि कनावटी जेल ब्रेक के बाद जांच में पता चला था कि जेल ब्रेक का मास्टरमाइंड विनोद डांगी है. वो डोडा चूरा तस्करी के आरोप में साढ़े तीन महीने से इसी जेल में बंद था. 1 जून को ही वो ज़मानत पर रिहा हुआ था. उसके बाद 17 जून से वो लगातार जेल आ रहा था. कई बार इसका नाम मुलाकातियों के रजिस्टर में दर्ज हुआ और कई बार दर्ज नहीं भी हुआ. इसी ने जेलब्रेक की पूरी पटकथा लिखी थी.विनोद डांगी से कड़ी पूछताछ के बाद कई अहम सुराग पुलिस को मिले हैं. पुलिस की करीब 10 पार्टिया फरार कैदियों की तलाश में अलग-अलग शहरों के लिए रवाना हुई हैं.

नीमच की कनावटी उपजेल में 23 जून की रात जेल ब्रेक हुई थी. चार कैदी 3 से 4 बजे के बीच जेल से फरार हो गए थे. जो क़ैदी फरार हुए हैं उनमें- नाहर सिंह बंजारा 20 साल, पंकज पिता मोंगिया 21 साल, लेख राम बावरी उम्र 29 साल और दुबे लाल पिता दशरथ धुर्वे उम्र 19 साल शामिल है. इनमें से 3 आरोपी मादक पदार्थों की तस्करी और एक लेख राम लूट और हत्या के मामले में सज़ा काट रहे थे. ये आरोपी बैरकों की सलाखें काटकर बाहर निकले और फिर रस्सी के सहारे जेल की 22 फिट ऊंची दीवार फांदकर भाग गए.

मालवा की जेलों में ड्रग डीलर्स के काफी गहरा रैकेट है. एसपी सगर ने खुलासा किया था कि इस जेल ब्रेक में प्रहरियों की मिलीभगत सामने आयी है. क्योंकि प्रहरियों की मिलीभगत के बिना जेल में कटर, रस्से और मोबाइल फोन नहीं पहुंच सकते. क़ैदियों ने भागने के लिए 2 घंटे तक तोड़फोड़ की लेकिन ऐसा कैसे हुआ कि ड्यूटी पर तैनात स्टाफ को इसकी भनक तक नहीं लगी

लंबे समय से एक ही जगह पोस्टिंग- एसपी सागर ने यह भी माना था कि जेल और पुलिस में नीचे का स्टाफ लम्बे समय से यहीं पोस्टेड है, इसलिए इनका ड्रग डीलर्स के साथ नैक्सेस हो सकता है.

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