निपाह वायरस की पुष्टि के बाद केरल में 311 लोग निगरानी में रखे गए

कोच्चि
उत्तर केरल के दो जिलों में निपाह वायरस की वजह से 17 लोगों की जान जाने के एक साल बाद इस बीमारी ने एक बार फिर प्रदेश में अपने पांव पसारे हैं और 23 वर्षीय एक कॉलेज छात्र में इसके संक्रमण की पुष्टि की गई है। सरकार ने कहा कि विभिन्न जिलों के 311 लोग जिनके साथ यह छात्र संपर्क में आया, उन्हें निगरानी में रखा गया है।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री के. के. शैलजा ने कहा कि पुणे स्थित राष्‍ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में छात्र के रक्त के नमूने की जांच की गई जिसमें निपाह के संक्रमण की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि जांच की रिपोर्ट मंगलवार सुबह आई। इससे पहले 2 विषाणु विज्ञान संस्थानों- मणिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और केरल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ऐंड इंफेक्शस डिजीजेज- में भी रक्त के नमूनों की जांच की गई थी, जिनमें निपाह के संकेत मिले थे।

सरकार ने कहा कि 3-4 लोग जिन्होंने शुरू में छात्र की देखभाल की और एक व्यक्ति जो उसके साथ पढ़ता है- बुखार और गले में खराश से पीड़ित हैं। इन लोगों को यहां कलामास्सेरी मेडिकल कॉलेज में विस्तृत चिकित्सा जांच के लिए खास तौर पर बनाए गए अलग वार्ड में रखा गया है। अधिकारियों के मुताबिक छात्र की हालत संतोषजनक है।

शैलजा ने बताया कि निपाह संक्रमण से पीड़ित छात्र का कोच्चि के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसकी हालत स्थिर है और उसे वेंटीलेटर जैसी किसी जीवन रक्षक प्रणाली पर नहीं रखा गया है। उन्होंने बताया, 'मरीज की ठीक से देखभाल की जा रही है। कभी-कभार मरीज बुखार के कारण बैचेन हो जाता है… हम अच्छे परिणाम की उम्मीद करते हैं।'

सरकार द्वारा मंगलवार शाम को जारी किए गए बुलेटिन में कहा गया कि छात्र के संपर्क में आने वाले 311 लोगों की सूची तैयार की गई है और उन्हें चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है। एर्नाकुलम जिले में रहने वाला छात्र इडुक्की जिले के थोडापुझा के एक कॉलेज में पढ़ता है। बुखार से पीड़ित छात्र छात्रों के एक समूह के साथ त्रिशूर जिले में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने गया था।

सरकार ने लोगों से बिना घबराए इस बीमारी का प्रसार रोकने के लिए ऐहतियाती कदम उठाने को कहा है। लोगों में भरोसा बरकरार रखने के प्रयास में शैलजा ने कहा, 'हमें विश्वास है कि हम इसका सामना कर सकते हैं। हमने पिछले साल कोझीकोड में इसका सामना किया था और इसे काबू किया था।' मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि स्वास्थ्य नेटवर्क चुनौती से निपटने में सक्षम है।

विजयन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, 'हम केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। विशेषज्ञों की एक टीम कोच्चि पहुंची है। उनके दिशा-निर्देशों का उपयोग वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए भी किया जाएगा।' विजयन ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय की निगरानी में सभी जरूरी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि उस व्यक्ति के संपर्क में आए सभी लोगों का पता लगा लिया गया है और उन्हें निगरानी में रखा गया है। केंद्र ने भी मंगलवार को केरल के लिए 6 सदस्यीय टीम को भेजा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के. के. शैलजा से भी मौजूदा स्थिति पर चर्चा की और केंद्र की ओर से राज्य को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

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