निगरानी विवाद पर अब केंद्र की सफाई, बिना मंजूरी ऐक्शन नहीं

नई दिल्ली 
केंद्र सरकार ने किसी भी कंप्यूटर की जांच करने को लेकर दिए गए आदेश पर अपनी सफाई दी है। गृह मंत्रालय के मुताबिक कंप्यूटरों की जांच के लिए किसी भी एजेंसी को पूर्ण अधिकारी नहीं दिए हैं। उन्हें ऐसा करने के लिए जरूरी संस्थाओं से अनुमति लेनी होगी। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि ऐसी कोई भी कार्रवाई से पहले एजेंसियों को मंजूरी लेनी होगी। 

उन्होंने कहा कि कोई नया कानून, नया कंप्यूटर निगरानी: फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौतीनियम, नई प्रक्रिया या फिर नई एजेंसी शुरू नहीं हुई है। इसके अलावा किसी एजेंसी को पूर्ण ताकत या फिर पूर्ण अथॉरिटी नहीं दी गई है। किसी भी कंप्यूटर की जांच की प्रक्रिया के लिए उन्हें संबंधित एजेंसियों से परमिशन लेनी होगी। 

अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया, 'मौजूदा कानून और नियमों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। यहां तक कि कॉमा और पूर्ण विराम में भी कोई चेंज नहीं है।' बता दें कि इस आदेश को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि वह देश को 'सर्विलांस स्टेट' में तब्दील करना चाहती है। 20 दिसंबर को गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें 10 एजेंसियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले को लेकर किसी भी कंप्यूटर की जांच करने का अधिकार दिया गया था 

अधिकारी ने बताया कि 2011 में भी इलेक्ट्रॉनिक कॉम्युनिकेशंस के इंटरसेप्शन को लेकर आदेश जारी किया गया था। इसमें भी 10 एजेंसियों के नाम मेंशन किए गए थे। इस आदेश में गृह मंत्रालय ने बताया था कि इन एजेंसियों को किसी ऐक्शन के लिए केंद्रीय गृह सचिव या फिर राज्य के गृह सचिव से परमिशन लेनी होगी। 

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