देश को मिले 333 नए अफसर, सीधे यूनिट में तैनाती दे दी जाएगी

 
देहरादून 

 देश कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है. इसी बीच देश को सरहद पर चीन की चुनौती से भी जूझना पड़ रहा है. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चल रही तनातनी के बीच 13 जून को देहरादून की भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षु अधिकारियों की पासिंग आउट परेड हुई. सादगी के साथ आयोजित पासिंग आउट परेड में नए अधिकारियों के परिजन शामिल नहीं हो पाए.

हालांकि, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में ऐसा पहली बार हुआ, जब पासिंग आउट परेड के बाद नए अधिकारियों को सीधे यूनिट में तैनाती दे दी जाएगी. इस संबंध में आजतक से खास बातचीत में आईएमए के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी ने कहा कि यहां से पासआउट होने वाला हर ऑफिसर बहुत मोटिवेटेड होता है.
 
उन्होंने कहा कि वह सरहद पर हर तरह के हालात के लिए तैयार होता है. अभी तक के हर युद्ध में यहां से निकले अधिकारियों ने अपनी क्षमता का लोहा मनवाया है. लेफ्टिनेंट जनरल नेगी ने कहा कि पासिंग आउट परेड में लगभग 400 कैडेट पास आउट होकर अपने अपने देश की सेना में शामिल हुए. देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में देश-विदेश के जेंटलमैन कैडेट प्री-मिलिट्री ट्रेनिंग प्राप्त करते हैं. इस बार ट्रेंनिग में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया.
 
परेड के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरा पालन किया गया. लेफ्टिनेंट जनरल नेगी ने बताया कि पासिंग आउट परेड में देश-विदेश के कुल 423 जेंटलमैन कैडेट्स ने शिरकत की. इनमें 333 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिले, जबकि अफगानिस्तान समेत नौ मित्र देशों को भी 90 सैन्य अधिकारी मिलेंगे. इस बार भी अफगानिस्तान को सबसे अधिक 48 अफसर मिले. वहीं, तजाकिस्तान के 18 और भूटान के 13 कैडेट भी अकादमी से पास आउट हो हुए. कुल मिलाकर मित्र देशों को भारतीय सैन्य अकादमी से मिलने वाले युवा अधिकारियों की संख्या बढ़कर 2503 हो गई.

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