नया साल: इन 4 मामलों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रहेगी निगाह

 
नई दिल्ली 

सर्दी की छुट्टी के बाद सुप्रीम कोर्ट आज खुल रहा है। नए साल में कई अहम मामलों की सुनवाई होने वाली है और इन पर फैसला आएगा, लेकिन लोगों की सबसे ज्यादा नजर अयोध्या मामले की सुनवाई को लेकर होगी। साथ ही, CBI बनाम CBI मामले में भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है। राफेल पर फैसले के बाद केंद्र सरकार ने जो हलफनामा दिया था, उस पर सुप्रीम कोर्ट गौर कर सकता है। 

1. अयोध्या जमीन विवाद 
अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले की सुनवाई 4 जनवरी को होने वाली है। जनवरी में यह तय होगा कि कौन सी बेंच मामले की सुनवाई करेगी और कब से सुनवाई होगी। दरअसल, 27 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने इस मामले को संवैधानिक बेंच में भेजने से मना कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि मामला जमीन विवाद के तौर पर निपटाया जाएगा। 

मुस्लिम पक्षकारों ने कहा था कि अयोध्या के जमीन विवाद पर सुनवाई से पहले इस्माइल फारुखी मामले में सुप्रीम कोर्ट के 1994 के फैसले पर दोबारा परीक्षण की जरूरत है। बहरहाल, इस मुद्दे पर कोर्ट के बाहर राजनीतिक बयानबाजी तेज है। मंदिर के लिए कानून बनाने की भी मांग उठी है। साथ ही, मामले की जल्दी सुनवाई की भी मांग हो रही है। 

2. CBI बनाम CBI पर फैसला 
सुप्रीम कोर्ट में CBI में चल रहे विवाद पर भी फैसला आने वाला है। CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। आलोक वर्मा के अलावा NGO कॉमन कॉज की ओर से अर्जी दाखिल कर मामले की SIT जांच की मांग की गई थी। आलोक वर्मा खुद को छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। अर्जी में CBI की स्वतंत्रता में सरकार के आदेश को दखल बताया है। अर्जी में कहा गया कि उन्हें डायरेक्टर के कार्यभार से वंचित करना और किसी और को कार्यभार देने का सरकार और CVC का फैसला अवैध है, जिसे खारिज किया जाए। 

3. राफेल में हलफनामे पर विचार? 
सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर को राफेल से संबंधित याचिकाओं को खारिज किया था। फैसले के बाद केंद्र की ओर से हलफनामा दायर किया गया है, जिस पर सुनवाई मुमकिन है। राफेल डील में फैसले के पैरा 25 के कंटेंट में बदलाव के लिए केंद्र ने आवेदन दिया है। केंद्र का कहना है कि पैराग्राफ में ग्रामर में हुई गलतफहमी के कारण विवाद उठा। इसे सुधारा जाए। 

पैरा 25 में सीएजी के साथ रिपोर्ट साझा करने के केंद्र की बात पर कांग्रेस ने सवाल उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने पैरा 25 में लिखा था कि सरकार ने जो मटीरियल पेश किया है, उसके मुताबिक राफेल की कीमत CAG के साथ साझा की गई और CAG रिपोर्ट PAC को दी गई थी। कांग्रेस ने केंद्र पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि PAC के पास ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं आई। 

4. सज्जन कुमार की अपील 
हाल ही में 1984 सिख दंगे के मामले में उम्रकैद की सजा पाए सज्जन कुमार की ओर से हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस मामले में सज्जन की अपील पर भी नए साल में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है। 
 

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