बालाकोट एयर स्ट्राइक में नेस्तनाबूद हुआ जैश का आतंकी ठिकाना फिर एक्टिव
नई दिल्ली
पाकिस्तान के जिस बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकाने को भारतीय वायुसेना ने नेत्नाबूद किया था, अब वहां फिर से आतंकी गतिविधि के शुरू होने की खबर है। आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने बालाकोट स्थित अपने उस आतंकी ठिकाने को फिर से जिंदा कर लिया है, जहां करीब सात महीने पहले भारतीय वायुसेना ने बालाकोट एयरस्ट्राइक कर आतंकी कैंप को तबाह कर दिया था। भारतीय वायु सेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के आतंकवादी कैंप पर स्ट्राइक के लगभग सात महीने बाद आतंकी संगठन ने उस परिसर को पुनर्जीवित कर दिया है, जहां वह 40 जिहादियों को जम्मू-कश्मीर और अन्य जगहों पर हमले करने के लिए प्रशिक्षित कर रहा है।
बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर से भारत सरकार द्वारा आर्टिकल 370 को हटाए जाने के फैसले के बाद बौखलाए पाकिस्तान भारत में आतंकी गतिविधि को अंजाम देने के लिए जैश का सहारा ले रहा है। पाकिस्तान के आशीर्वाद से जैश ने अपने उस आतंकी ठिकानो को फिर से जिंदा कर लिया है, जहां करीब 40 आतंकवादियों को भारत में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। बता दें कि अगस्त के पहले सप्ताह में भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया।
माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर पर भारत सरकार द्वारा लिए गए फैसले के बाद उन आतंकी संगठनों पर लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दे दी, जो भारत को टारगेट करना चाहते हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से पहले पाकिस्तान भारत में आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में है, ताकि कश्मीर मसले पर एक बार फिर से वह दुनिया का ध्यान भटका सके। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में पीएम मोदी का भी संबोधन होना है।
गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद 27 फरवरी को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानें ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंप पर बमबारी की थी और कैंप को तबाह कर दिया था। हालांकि, पाकिस्तान इससे इनकार करता रहा है। मगर भारत सरकार ने इसके सबूत भी दिए। दरअसल, 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला कर दिया था, जिसमें करीब 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे। इसी के जवाब में भारत ने एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैश की कमर तोड़ी थी। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई।
भारतीय आतंकवाद रोधी ऑपरेटिब्स के अनुसार, पुलवामा हमले के बाद भारत-विरोधी आतंकी समूहों को पाकिस्तान द्वारा लो प्रोफाइल कर दिया गया था, जिसे 5 अगस्त के बाद जैश के ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर ने रावलपिंडी में आईएसआई के अपने हैंडलर्स से मिलने के बाद फिर से सक्रिय कर दिया था, ताकि कश्मीर पर भारतीय कदम पर जिहादी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा सके।
बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर पर भारत सरकार के फैसले केबाद ही पाकिस्तान में आतंकी संगठनों की बैठक भी हुई है। इंटेलिजेंस इनपुट की मानें तो जैश-ए-मोहम्मद न सिर्फ जम्मू-कश्मीर पर टारगेट कर सकता है, बल्कि गुजरात और महाराष्ट्र को भी निशाना बना सकता है। इसके लिए वह नए नाम का भी सहारा ले सकता है ताकि अंतरराष्ट्रीय जांच से बच सके। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों को कश्मीरी मूल के आतंकवादियों का उपयोग करने के लिए कहा गया है और इस संदर्भ में, मुश्ताक ज़रगर उर्फ लटरम के नेतृत्व वाले अल उमरार मुजाहिदीन जैसे निष्क्रिय समूहों को भी पुनर्जीवित किया जा रहा है।
भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए एयर स्ट्राइक के बाद पहली बार जिहाद प्रशिक्षण के लिए बालाकोट के ठिकानों के साथ मनशेरा, गुलपुर और कोटली के आतंकी शिविरों में आतंकी समूह द्वारा रिफ्रेशर कोर्स शुरू किए गए हैं। भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों ने बालाकोट ठिकानों के दोबारा चालू किए जाने की पुष्टि की है और सरकार के उच्चतम स्तरों को सूचित किया है ।