नगर निगम प्रशासन में चार कमिश्नर बदले लेकिन डीजल चोरी पर लगाम नहीं

भोपाल
नगर निगम प्रशासन में अभी तक चार कमिश्रर बदल चुके हैं लेकिन उसके बाद भी डीजल चोरी पर लगाम नहीं लग सकती है। हाल ही में निगम प्रशासन ने डीजल की खपत को लेकर 40 अधिकारियों को पांचवी बार नोटिस जारी किया है लेकिन उसके बाद भी केवल 15 लोगों का ही जवाब आया है। पिछले साल  करीब एक करोड़ रुपए का डीजल चोरी कर लिया गया था।  

यह तब हुआ है, जबकि निगम 570 वाहनों में जीपीएस से मॉनिटरिंग कर रहा है।  यह मामला तत्कालीन निगम आयुक्त छवि भारद्वाज ने पकड़ा था उसे बाद  प्रियंका दास, अविनाश लवानिया  और अब विजय दत्ता ने काम सम्हाला है लेकिन इन अधिकारियों पर लगाम नहीं लग सकी है। जिन लोगों को नोटिस जारी हुए उनमें  जलकार्य शाखा के 16 एई, 19 एएचओ, प्रभारी फायर आॅफिसर और सीवेज प्रभारी शामिल हैं। साथ ही चोरी हुए डीजल की रिकवरी के लिए भी चेतावनी भी दी थी।  

निगम के पंचशील नगर स्थित टैंक में महीने में 25 टैंकर डीजल आता है। ड्राइवरों के एवरेज के हिसाब से गाड़ी में डीजल डाला गया, लेकिन गाड़ी निर्धारित दूरी नहीं चली। इससे चोरी का पता चला। महीने में करीब दो टैंकर डीजल का हिसाब किताब नहीं मिला है। दो टैंकर में 36 हजार लीटर डीजल होता है। 62 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से यह रकम 22 लाख से अधिक होती है। गत नवंबर, दिसंबर18, जनवरी और फरवरी 19 चार महीने की जीपीएस की रिपोर्ट आ चुकी है। हर बार करीब दो टैंकर डीजल चोरी होने से करीब एक करोड़ के डीजल घोटाले का अनुमान लगाया जा रहा है।

गौरतलब है कि हाल ही में जोन 17 में ड्राइवर और क्लीनर का निगम के वाहन से डीजल चुराते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडिया वायरल हुआ था। उसकी जांच के बाद दो लोगों को संस्पेंड कर दिया गया लेकिन बड़े अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवही नहीं की गयी।

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