नक्सली सुधाकरण ने माना, छत्तीसगढ़ में नक्सल संगठन हुआ कमजोर

कांकेर
छत्तीसगढ़, झारखंड और महाराष्ट्र में विगत दो दशकों से नक्सलियों की अगुवाई कर रहे सुधाकर व नीलिमा ने बुधवार को तेलंगाना के डीजीपी एम महेंद्र रेड्डी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनका आत्मसमर्पण नक्सली संगठन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इधर, छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में बुधवार को 13 लाख स्र्पये के इनामी नक्सल दंपती ने आत्मपमर्पण किया है।

तेलंगाना पुलिस बुधवार को हैदराबाद में सुधाकर व नीलिमा को लेकर मीडिया के सामने आई। इस दौरान सुधाकर व नीलिमा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का संगठन बीते कुछ वर्षों में कमजोर पड़ा है।

बताया कि वे बिना किसी दबाव के आत्मसमर्पण कर रहे हैं। सुधाकरण को ओगू सतवाजी, बुरयार, सुधाकर, किरण सहित दर्जनभर फर्जी नामों से जाना जाता था। पुलिस को इस दंपती से और भी नई जानकारियां मिलने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि सुधाकर व नीलिमा ने कुछ दिनों पहले ही आत्मसमर्पण किया था, लेकिन पुलिस अब सार्वजनिक किया है।

नागपुर (महाराष्ट्र) में रहकर शहरी नेटवर्क व छात्र विंग को जोड़ने बतौर संयोजक सक्रिय टांडा एरिया कमेटी व सीसी को-आर्डिनेशन कमेटी सदस्य नक्सली दंपती ने राजनांदगांव पुलिस के सामने समर्पण किया है। दंपती पर 13 लाख रुपये का इनाम था।

दुर्ग रेंज के आइजी रतनलाल डांगी ने बताया कि नक्सली दंपती दसरा मांगपुरा नागपुर निवासी नंदू उर्फ आरएन उर्फ विवेक पिता देवाजी बेहाड़े और पत्नी सती उर्फ कमला उर्फ कोमल झरपा परतेमपल्ली गढ़चिरौली ने नक्सली नेताओं से परेशान होकर सरेंडर किया है। दोनों छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र में हुए नौ घटनाओं में शामिल थे।

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