नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत: कई सुविधाएं हुई महंगी तो हवाई यात्राओं को लेकर शहर में बढ़ी सुविधाएं

भोपाल
नए वित्तीय वर्ष यानी एक अप्रैल से राजधानीवासियों को कई सुविधाएं मिल गई हैं। हवाई यात्रा करने वाले शहरवासियों को अब भोपाल से करीब 36 फ्लाइट मिल चुकी हैं, जिससे वे दूसरे राज्यों के शहरों में आसानी से आवागमन कर सकेंगे। इसी तरह, कलेक्टर गाइडलाइन 2019-20 भी उपबंधों के साथ आज से लागू हो गई है। इसमें कृषि भूमि और पुराने मकानों को खरीदने वाले लोगों को फायदा होगा। 

साथ ही जिले में जमीनों के बढ़े हुए रेट का निर्णय लोकसभा चुनाव के बाद ही होगा। ऐसे में दो महीने जिले में पुराने रेट के आधार पर ही रजिस्ट्री होगी। हालांकि शहर में संचालित लोक सेवा केंद्र में मिलने वाली सुविधाएं जरूर महंगी हो गई हैं।

भोपाल से दूसरे शहरों के लिए हवाई यात्राओं में लगातार इजाफा हुआ है। रीजनल एयर कनेक्टिविटी स्कीम और समर विकेशन को देखते हुए एयरलाइंस कंपनियों ने भोपाल से अन्य राज्यों के कई शहरों के लिए सीधी फ्लाइट की सुविधा शुरू कर दी है। अब भोपाल से जयपुर, सूरत, चेन्नई, उदयपुर, पुणे, मुंबई और दिल्ली के लिए सीधी फ्लाइट चालू हो गई है। हाल ही में भोपाल से बेंगलुरू के लिए सीधी उड़ान सेवा शुरू हुई थी। ऐसे में अब वर्तमान में राजधानी के राजा भोज एयरपोर्ट से करीब तीन दर्जन से अधिक फ्लाइट संचालित होने लगी है। साथ ही आने वाले दिनों में जयपुर और अहमदाबाद की फ्लाइट भी जल्द शुरू होगी।

आज से लोकसेवा गारंटी केन्द्र के रेट रिवाइव हो रहे हैं। नए वित्तीय वर्ष में मूल निवासी, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र सहित गारंटी केंद्र में मिलने वाली सेवाओं में 10 रुपए की बढ़ोतरी हो गई है। मूल निवासी, आय और जाति प्रमाण पत्रों के आवेदन के लिए  अब 40 रुपए की रसीद कटानी होगी, अभी 30 रुपए की रसीद कटती थी। इसी प्रकार, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र 15 से 25 रुपए और विवाह पंजीयन 30 से 40 रुपए रुपए कर दिया है। नक्शा, बंटवारा, सीमांकन के आवेदन में भी बढ़ोतरी हो गई है। वर्तमान में लोक सेवा गारंटी केंद्र में 446 सेवाएं मिल रही हैं। इन सभी में 10-10 रुपए बढ़ा दिए गए हैं। इससे आम आदमी को अधिक राशि चुकानी होगी।

राजधानी से लगे नीलबड़, रातीबड़ और बरखेड़ा नाथू में संचालित करीब 7 क्रेशर खदानों को आज से पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। दरअसल, यह सभी खदानें आबादी के बीच में आ गई हैं। कलेक्टर सुदाम खाडे की अनुशंसा पर खनिज विभाग ने इनकी लीज का नवीनीकरण नहीं किया है। इन खदानों के बंद होने से 80 हजार से अधिक की आबादी को राहत मिलेगी।

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