सरकारी बैंकों के मर्जर से नहीं जाएगी किसी की नौकरी: जेटली

नई दिल्ली

 केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को लोकसभा में जानकारी दी है कि सरकारी बैंकों की मर्जर प्रक्रिया से किसी की भी नौकरी नहीं जाएगी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में ही केंद्रीय कैबिनेट ने विजया बैंक, देना बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के मर्जर को मंजूरी दी है।

जेटली ने कहा कि बैंकों के मर्जर से किसी की भी नौकरी नहीं जाएगी और इस कदम से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ही तरह एक बड़ी इकाई का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि इससे कर्ज देने की लागत भी सस्ती हो जाएगी। प्रश्नकाल के दौरान मंत्री ने कहा कि हमारे 21 सरकारी बैंकों में से 11 पीएसी (प्रॉम्प्ट करेक्शन एक्शन) फ्रेमवर्क के अधीन हैं। पीएसी के अंतर्गत उन बैंकों को रखा जाता है जिनका एनपीए स्तर काफी ज्यादा होता है।

अनुपूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए जेटली ने कहा कि इससे गैर निष्पादित परिसंपत्तियों का वक्र नीचे जाएगा और इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड ने सिस्टम में लगभग 3 लाख करोड़ रुपये वापस लाने में मदद की है। जेटली ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक परिचालन लाभ कमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के प्रावधान के कारण उन्हें नुकसान हुआ है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के पुनर्पूंजीकरण के संबंध में, मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 31 दिसंबर तक 51,533 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *