नई ऊंचाई पर सोने की कीमत, चांदी 50 हजारी बनने के करीब

 
नई दिल्‍ली 

ग्‍लोबल मार्केट में उतार-चढ़ाव के बीच भारतीय बाजार में सोने की कीमत रिकॉर्ड स्‍तर पर पहुंच गई है. सप्‍ताह के चौथे कारोबारी दिन सोने में 250 रुपये की तेजी आई और भाव 40 हजार 220 रुपये  प्रति दस ग्राम के स्‍तर पर पहुंच गया. यह अब तक का उच्‍चतम स्‍तर है.

इससे पहले मंगलवार को पहली बार सोने की कीमत 40 हजार के स्‍तर को पार कर गई. इस दौरान चांदी 200 रुपये उछलकर 49050 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्‍तर पर पहुंच गया. बाजार के जानकारों की माने तो चांदी के भाव आने वाले दिनों में 50 हजार प्रति किलोग्राम के स्‍तर को पार कर सकते हैं.

सिर्फ 18 महीने में 10 हजार रुपये महंगा हुआ सोना

बीते कई महीने से सोने की कीमत में तेजी का दौर जारी है. सिर्फ 18 महीनों में सोना 10 हजार रुपये से अधिक महंगा हुआ है. बता दें कि अगस्‍त 2018 में सोने की कीमत 30,335 रुपये प्रति दस ग्राम थी. इसी तरह फरवरी 2018 में सोने की कीमत 30,080 प्रति दस ग्राम के स्‍तर पर थी. अगर प्रतिशत के हिसाब से देखें तो अब तक सोने की कीमत में 33% की तेजी देखने को मिली है.  

भारत में क्‍यों महंगा हो रहा सोना

भारत में सोने के भाव बढ़ने की सबसे बड़ी वजह सरकार का फैसला है. दरअसल, बीते जुलाई महीने में आम बजट पेश करते हुए वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोने पर आयात शुल्क को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया है. आयात शुल्‍क बढ़ने की वजह से गोल्‍ड का कारोबार तेजी से घटा है.

बता दें कि भारत गोल्‍ड का बहुत बड़ा आयातक है. इसके अलावा आम बजट के बाद से भारतीय शेयर बाजार की सेहत बिगड़ती जा रही है. बीते मई महीने में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद 40 हजार के आंकड़े को पार करने वाला सेंसेक्‍स मौजूदा वक्‍त में 37 हजार पर जबकि निफ्टी भी 12 हजार से लुढ़क कर 10 हजार 700 के स्‍तर तक आ गया है. शेयर बाजार की बिगड़ती हालत देखकर निवेशक सोने पर दांव लगा रहे हैं. इससे कीमत में बढ़ोतरी हो रही है.

ग्‍लोबल फैक्‍टर भी जिम्‍मेदार

आर्थिक मंदी की आहट के बीच दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों द्वारा सोने में निवेश किया जा रहा है. दरअसल, सेंट्रल बैंक सोने में निवेश के जरिए देश की अर्थव्‍यवस्‍था के खतरे को टालने की कोशिश करते हैं. इन हालातों की वजह से डिमांड बढ़ गई है. डिमांड बढ़ने से सोने की कीमत में तेजी आई है. इसके अलावा वैश्विक स्तर पर अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड को लेकर स्‍थायी समाधान नहीं निकलने से भी निवेशकों में भय का माहौल है.

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