धूल से परेशान लोगों को मिलेगी राहत, बंद होगी आधा दर्जन खदानें
भोपाल
राजधानी से लगे नीलबड़, रातीबड़ और बरखेड़ा नाथू में संचालित आधा दर्जन से अधिक क्रेशर खदानों को बंद करने की तैयारी शुरू हो गई है। यह खदानें अगले सप्ताह यानी 31 मार्च, 2019 से पूरी तरह बंद हो जाएंगी। दरअसल, यह सभी खदानें आबादी के बीच में आ गई हैं। ऐसे में इन खदानों को बंद करने के लिए लंबे समय से मांग चल रही थी। जिस पर छह महीने पहले कलेक्टर सुदाम खाडे की अनुशंसा पर खनिज विभाग ने 2019 को खत्म हो रही लीज का नवीनीकरण नहीं करने का निर्णय लिया है।
जिला खनिज विभाग के इस निर्णय से शहर के आसपास की करीब 80 हजार की आबादी को राहत मिलेगी। प्रशासन के इस निर्णय से आम जनता में खुशी है। अभी लोगों का धूल के चलते जहां लोगों का जीना दुश्वार हो गया था। वहीं रोजाना तेज गति से निकलते डंपरों से सड़के तो खराब होती थी, वहीं दुर्घटना का खतरा बना रहता था। अब रहवासियों को इस सबसे राहत मिलेगी।
कुछ सालों में रातीबड़, नीलबड़ और बरखेड़ा नाथू में तेजी से कॉलोनियों का निर्माण हुआ है। नीलबड़ में तो करीब तीन दर्जन से अधिक कॉलोनियां आकार ले चुकी हैं, लेकिन दिन-रात होते विस्फोट और उड़ती धूल के चलते लोग प्लॉट लेने के बाद भी यहां मकान बनाने से बच रहे थे। प्रशासन के निर्णय के बाद क्रेशर खदानों के बंद होने से यहां मकानों का निर्माण बढ़ेगा। खाली पड़े प्लाट में तेजी से मकानों का निर्माण होगा। वहीं धूल से घरों में जमा होने वाली गंदगी और सांस की बीमारी से भी लोगों को राहत मिलेगी।