धार कलेक्टर का फार्मूला बना कोरोना मरीजों के लिए जीत का कारण

भोपाल
अच्छा खाना, मनोरंजन के साधन और दवाओं की समय पर उपलब्धता गंभीर बीमारी कोरोना से जीत में सहायक होती है। धार कलेक्टर श्रीकांत बनोठ का यह फार्मूला इस जिले के कोरोना मरीजों के लिए जीत का कारण बना है। कोरेंटाइन सेंटर में रोके गए मरीजों की देखभाल के लिए प्रशासनिक सक्रियता ने डाक्टर्स का भी हौसला बढ़ाने का काम किया है जिसका नतीजा यह रहा कि इस जिले में 93 प्रतिशत मरीज कोरोना की बीमारी से ग्रस्त होने के बाद डिस्चार्ज होकर घर लौटे हैं।

धार कलेक्टर बनोठ ने बताया कि जिले में 111 कोरोना मरीज मिले हैं जिसमें से 103 डिस्चार्ज होकर घर जा चुके हैं। इन मरीजों के आत्मबल और कोरोना से जीतने की मनोवृत्ति ने धार जिले का रिकवरी रेट 93 प्रतिशत पहुंचा दिया। जिले में आज की स्थिति में सिर्फ 5 कोरोना एक्टिव केस हैं और तीन की मौत हुई है। गौरतलब है कि कलेक्टर बनोठ खुद भी कोरेंटाइन सेंटर और अस्पताल जाने के साथ ही सर्वे दल का उत्साहवर्द्धन करने का काम भी फील्ड में रहकर करते हैं।

दूसरे राज्यों में रह रहे श्रमिकों की प्रदेश वापसी शुरू होने के बाद धार जिले के 36 हजार मजूदर वापस अपने घरों को लौटे हैं। इसमें से सिर्फ एक ही कोरोना पाजिटिव निकला था। बनोठ ने बताया कि उसे भी चूंकि घर नहीं जाने दिया गया और पहले ही कोरेंटाइन कर लिया गया। इसलिए उसकी कोई दूसरी कांटेक्ट हिस्ट्री नहीं निकली और किसी अन्य को संक्रमण नहीं हुआ। बाकी मजदूर स्वस्थ हैं।

बनोठ के अनुसार ट्रीटमेंट प्रोटोकाल कोरोना से जीतने में भारी सहायक रहा है। भोपाल के चिरायु अस्पताल में अपनाए जाने वाले ट्रीटमेंट फार्मूले पर अमल कराने का काम यहां किया गया जिसके तहत नाश्ता, दो बार खाना, तीन बार चाय, काढ़ा और विटामिन्स समय समय पर देने का काम किया गया। साथ ही मरीजों के मनोरंजन और मनोवैज्ञानिक जानकारी देने का काम भी कराया गया। इसके चलते धार सबसे बेहतर रिकवरी वाले जिलों में शामिल हो गया।

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