देश में ढाई हजार महिला वैज्ञानिकों की सुपर टीम हो रही तैयार

नई दिल्ली                                                                                                                                 
साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ (एसटीईएम) में महिला वैज्ञानिकों की सुपर टीम तैयार हो रही है। अभी इस सुपर टीम में नौवीं से 11वीं में पढ़ने वाली 2,500 छात्राओं को शामिल किया गया है। आईआईटी और देश के चुनिंदा संस्थानों में इनकी ट्र्रेनिंग शुरू हो गई है। केंद्र का कहना है कि इन छात्राओं को पीएचडी तक पहुंचाया जाएगा। 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने हाल में शुरू की विज्ञान ज्योति योजना के तहत देश के 50 जिलों में 2,500 प्रतिभाशाली छात्राओं का चयन किया है। प्रत्येक जिले से 50 छात्राएं चुनी गई हैं। ये छात्राएं नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय, आर्मी पब्लिक स्कूल और अन्य सरकारी स्कूलों की हैं। योजना के लिए उस जिले के नवोदय विद्यालय को नोडल एजेंसी बनाया गया है तथा उस क्षेत्र में स्थित नामी वैज्ञानिक संस्थानों को नॉलेज पाटर्नर नियुक्त किया गया है। 

महिला वैज्ञानिक करेंगी मेंटरिंग

इन छात्राओं की मेंटरिंग इन चुनिंदा संस्थानों की महिला वैज्ञानिकों द्वारा की जाएगी। उन्हें प्रेरित किया जाएगा। प्रोजेक्ट आधारित प्रशिक्षण दिया जाएगा। करियर काउंर्संलग होगी। 12वीं से ही उन्हें एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कराई जाएगी। नॉलेज पाटर्नर संस्थाओं की प्रयोगशालाओं का दौरा कराया जाएगा। प्रयोगशालाओं में लेक्चर और प्रशिक्षण दिया जाएगा। मकसद यह है कि विज्ञान के उपरोक्त चार क्षेत्रों में वह अपना करियर बनाएं। 

हजार रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति :

इन सभी 2,500 छात्राओं को अभी एक हजार रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जा रही है। प्रत्येक जिले के लिए विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी विभाग ने अभी 20 लाख रुपये का प्रावधान किया है। डीएसटी (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग) का कहना है कि अभी यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में है। आगे इस राशि में बदलाव भी हो सकता है। लक्ष्य यह है कि इस साल के अंत तक कम से कम 200 जिलों में यह योजना शुरू कर दी जाए।  

विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग में महिलाओं की हिस्सेदारी कम 

स्तर    संख्या    प्रतिशत
स्नातक    10,46,917    24%
पीजी    2,43,415    22%
एमफिल    7,561    28%
पीएचडी    7,605    35%
(स्रोत : मानव संसाधन विकास मंत्रालय उच्च शिक्षा सर्वे 2017-18)

ये हैं नॉलेज पार्टनर

उत्तर प्रदेश

विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. संजय मिश्रा के अनुसार जैसे लखनऊ, प्रयागराज, सहारनपुर और कानपुर जिलों में यह योजना शुरू की गई है। लखनऊ के लिए सीएसआईआर की तीन प्रयोगशालाओं सीडीआरआई, एनबीआरआई तथा सीमैप को नॉलेज पार्टनर बनाया है। प्रयागराज के लिए मोतीलाल नेहरू एनआईटी और ट्रिपल आईटी, को नॉलेज पार्टनर बनाया है।

बिहार-झारखंड 

बिहार के पटना, वैशाली और नालंदा जिलों को आईआईटी, पटना, एम्स, आईसीएआर तथा आईसीएमआर की प्रयोगशालाएं प्रशिक्षण देंगी। वहीं, झारखंड के रांची एवं हजारीबाग जिलों को आईएआरआई, ट्रिपल आईटी, बिट्स मेसरा, सीआईएमएफआर तथा सीआईपी नॉलेज पार्टनर बनाए गए हैं। 

उत्तराखंड 
इसी प्रकार उत्तराखंड के हरिद्वार, देहरादून और अल्मोड़ा जिले योजना में शामिल हैं। आईआईटी, रुड़की, हरिद्वार, जीबी पंत हिमालय इंस्टीट्यूट, अल्मोड़ा तथा एम्स, ऋषिकेश और उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी, देहरादून जिले की छात्राओं को प्रशिक्षित करेंगे। 

दिल्ली-गुरुग्राम 

इसी प्रकार देश की राजधानी दिल्ली की छात्राओं को दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) और गुरुग्राम की छात्राओं को आईआईटी दिल्ली प्रशिक्षण देगी।

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