दिल्ली से सिर्फ हर्षवर्धन मंत्री, सीएम फेस के लिए मैदान खुला

 नई दिल्ली 
चांदनी चौक से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. हर्षवर्धन को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में जगह मिल गई है। गुरुवार को डॉ. हर्षवर्धन ने भी मोदी सरकार के मंत्रिमंडल के सहयोगी के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। हालांकि दिल्ली के सातों सांसदों में से प्रवेश वर्मा, मीनाक्षी लेखी और प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के नाम भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल बताए जा रहे थे।  

ऐसी चर्चा भी थी कि मोदी इस बार दिल्ली से अपनी कैबिनेट में एक से ज्यादा लोगों को भी जगह दे सकते हैं। मगर फिलहाल डॉ. हर्षवर्धन को ही वह जगह मिल पाई है, जो पिछली सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं और उनका परफॉर्मेंस भी संतोषजनक रहा था। माना जा रहा है कि इससे विधानसभा चुनाव में पार्टी का चेहरा बनने के लिए बाकी नेताओं में मुकाबला बढ़ जाएगा। खासकर राज्यसभा सांसद विजय गोयल, जो इस बार मंत्री नहीं बने और बीजेपी दिल्ली के अध्यक्ष मनोज तिवारी इसमें प्रमुख दावेदार हो सकते हैं वहीं नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता और युवा नाम के तौर पर प्रवेश वर्मा भी पीछे नहीं रहेंगे। 

लोकसभा चुनावों में बंपर जीत के बाद दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी भी मुख्यमंत्री पद की रेस में अपनी खास जगह बना रहे हैं। लगातार दूसरी बार नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली सीट से सांसद चुने जाने वाले तिवारी पार्टी के स्टार कैंपेनर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान उन्होंने दिल्ली में अपनी लोकसभा के साथ-साथ साउथ और नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली में भी प्रचार किया था, जबकि उनकी अपनी सीट पर उनका कांग्रेस की शीला दीक्षित और आम आदमी पार्टी के दिलीप पांडे से कड़ा मुकाबला था। 

देश भर में भी बतौर स्टार कैंपेनर उन्होंने 92 जनसभाओं और रैलियों को संबोधित किया था। अपनी स्टारडम और शानदार छवि के साथ-साथ तिवारी साफ-सुथरी छवि, अपने सौम्य स्वभाव और सबको साथ लेकर चलने और रूठों को मनाने और अपने सहज बर्ताव के लिए भी अपनी खास पहचान बना चुके हैं। बतौर प्रदेश अध्यक्ष अपने कार्यकाल में बीजेपी को एमसीडी और लोकसभा चुनावों में बंपर जीत दिलवाने वाले तिवारी पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि उनका अगला लक्ष्य दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनाने का है और तब तक वह प्रदेश अध्यक्ष बने रहना चाहते हैं। अगर उनके नेतृत्व में बीजेपी यह करिश्मा कर दिखाने में कामयाब रहती है, तो निश्चित तौर पर वह मुख्यमंत्री पद के तगड़े दावेदार के रूप में उभरेंगे। 

मोदी सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री रहे राज्यसभा सांसद विजय गोयल को फिलहाल कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। ऐसे में इन कयासों को और बल मिल रहा है कि 6 महीने बाद दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों में गोयल भी मुख्यमंत्री फेस के तौर पर दावा पेश करेंगे। यही वजह है कि गोयल भी लोकसभा चुनावों के पहले से ही लगातार दिल्ली में अपनी मौजूदगी बनाए हुए हैं और राजस्थान से राज्यसभा में जाने के बावजूद दिल्ली के मुद्दों को लगातार अपने अलग अंदाज में उठाकर दिल्ली की जनता और दिल्ली के बीजेपी नेताओं के बीच यह संदेश देने में कामयाब रहे हैं कि वह खांटी दिल्लीवाले हैं और दिल्ली की राजनीति में कोई उन्हें नजरअंदाज करके नहीं चल सकता। 
 

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