दिल्ली दंगे का आरोपी निकला ‘मसीहा’, बेल

नई दिल्ली
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा में पकड़े गए एक शख्स को कोर्ट ने यह देखकर बेल दे दी कि उसने गोली लगने से घायल शख्स को हॉस्पिटल पहुंचाया था। असद नाम के इस शख्स पर दिल्ली दंगे में शामिल होने का आरोप है। लेकिन अब कोर्ट में पता लगा कि उसने गोली से घायल की मदद भी की थी।

23 साल के असद के वकील ने कोर्ट में यह तथ्य रखा। वकील ने कहा कि असद का दंगों में कोई रोल नहीं था। वहीं दूसरा पक्ष फिलहाल तर्क दे रहा है कि असद उनक लोगों का नजदीकी है जो दंगे में शामिल थे। बेल का भी विरोध किया गया लेकिन ऑर्डर पर उसका असर नहीं हुआ।

जांच कर रहे अफसर ने मानी, की थी मदद
सुनवाई के दौरान इंवेस्टिगेशन ऑफिसर ने बताया कि पट्रोल ऑफिसर ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास दंगाइयों की भीड़ देखी थी, जो पत्थर फेंक रही थी। तब ही वहां एक गोली चली। आईओ ने कहा कि असद दंगाइयों के साथ ही खड़ा था और नारे लगा रहा था। कोर्ट ने पूछा क्या असद की वजह से गोली लगने से कोई घायल हुआ। आईओ ने कहा नहीं। आईओ ने भी माना कि असद गोली से घायल शख्स को हॉस्पिटल लेकर गया था।

इसपर कोर्ट के अडिशनल जज मंजुशवा वाधवा ने असद को बेल दे दी। कोर्ट ने कहा, 'यह देखते हुए कि शख्स की वजह से कोई जख्मी नहीं हुआ बल्कि वह तो जख्मी को हॉस्पिटल लेकर गया था, इसपर बेल दी जाती है।' असद से बेल के लिए 20 हजार रुपये का बेल बॉन्ड भरवाया गया।

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