दिल्ली: गणतंत्र दिवस पर 30 कैमरे करेंगे आतंकियों की पहचान, चप्पे-चप्पे पर नजर

नई दिल्ली
गणतंत्र दिवस पर आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए दिल्ली पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं लेकिन इस बार दिल्ली पुलिस के बेड़े में एक ऐसी तकनीक जुड़ी है जिसकी निगाहों से भीड़ में भी छिपे आतंकी या अपराधी की पहचान कर उसे अंजाम तक पहुंचाया जा सकेगा. दरअसल पहली बार गणतंत्र दिवस पर 30 फेसिअल रिकॉग्निशन कैमरों से आतंकियों और बड़े अपराधियों पर नजर रहेगी. यानी ऐसे कैमरे जो अपराधी या आतंकी की तस्वीर लेते ही कंट्रोल रूम को अलर्ट कर देंगे.

परेड रूट से लेकर पूरी दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहेंगे लेकिन इस बार आतंक से निपटने के लिए पुलिस ने एक अचूक तकनीक का सहारा लिया है जिसकी आंखों से कोई छिप नहीं सकता. 30 ऐसे कैमरों को जोड़ा गया है जो हजारों की भीड़ में छुपे आतंकी और बदमाशों को पलक झपकते ही पकड़ने की ताकत रखते हैं. ये 30 कैमरे एक खास तरह के कैमरे हैं जिनके अंदर सॉफ्टवेयर की मदद से आतंकियों और बड़े अपराधियों की फोटो इसमें से पहले ही फीड है.

नई दिल्ली के डीसीपी मधुर वर्मा के मुताबिक इन 30 कैमरों को गणतंत्र दिवस के 30 एंट्री गेट पर लगाया गया है. इनकी निगाहों पर परेड देखने आने वाला हर शख्स होगा. जो भी वहां से निकलेगा, अगर उसका चेहरा डेटा में डाली गई फोटो से 70 प्रतिशत से ज्यादा मिल जाएगा तो पास में बने कंट्रोल रूम में अलार्म बज जाएगा. इसके बाद मौजूद पुलिसकर्मी उसे पकड़ लेंगे.

कंट्रोल रूम की मॉनिटरिंग स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच और इंटेलीजेंस ब्यूरो करेंगे. 15 अगस्त को इन कैमरों का लाल किले पर ट्रायल हुआ था लेकिन इसका इस्तेमाल पहली बार किया जा रहा है. डीसीपी मधुर वर्मा के मुताबिक परेड रूट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहेंगे और इन 30 कैमरों के अलावा करीब 250 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जिनकी बाकायदा मॉनिटरिंग की जा रही है.

 

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