दिग्विजय ने कहा, मतदाताओं का मैं सम्मान करता हूं, उनका आभार

भोपाल

गौरतलब है कि दिग्विजय मतगणना की शुरुआती दौर से ही पिछड़ते गए। पहले राउंड में करीब 19 हजार मतों का अंतर था। तीसरे और चौथे राउंड में दिग्विजय को बढ़त मिली, इसके बाद लगातार पिछड़ते गए। दिग्विजय को 25 हजार से ज्यादा मत किसी भी राउंड में नहीं मिले, जबकि प्रज्ञा सिंह को हर राउंड में 30 हजार से अधिक मत मिले।

दिग्विजय को उत्तर और मध्य विस क्षेत्र में ही लीड मिल पाई। बढ़ते अंतर को देखते हुए हुजूर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता तक कहने लगे कि दिग्विजय सिंह की सभाओं में भारी भीड़ आती थी, लेकिन उसके अनुपात में मतदान बेहद कम रहा। वहीं गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में भी दिग्विजय सिंह को बड़ी हार का सामना करना पड़ा।

कांग्रेस हार के प्रमुख कारण

1. इस बार मोदी लहर थी। उनके नाम पर ही वोट पड़े।
2. कांग्रेस में जबर्दस्त अंदरूनी गुटबाजी। गलत सूचनाएं दी गईं।
3. ग्रामीण क्षेत्रों में संघ ने प्रज्ञा के लिए मोर्चा संभाला।
4. हिन्दुत्व का दिखावा, बाबा को बुलाकर गलतबयानी करना।
5. जनता दिग्विजय के मुख्यमंत्रित्व काल को भी नहीं भूली।

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