तेज बहादुर की मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की आखिरी उम्मीद भी खत्म, SC ने खारिज की याचिका

 
नई दिल्ली

 नामांकन रद्द होने के बाद बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गई है। उच्चतम न्यायालय ने वाराणसी संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन पत्र रद्द करने के निर्वाचन अयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। 

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने तेज बहादुर यादव की याचिका खारिज करते हुए कहा, ''हमें इस याचिका परा विचार करने का कोई आधार नजर नहीं आता है।'' यादव की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने शीर्ष अदालत के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि आचार संहिता लागू होने के दौरान भी चुनाव याचिका दायर की जा सकती है। दूसरी ओर, निर्वाचन आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने भी शीर्ष अदालत के कई फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि लोक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही चुनाव याचिका दायर की जा सकती है। सुनवाई के अंतिम क्षणों में भूषण ने न्यायालय से कहा कि उन्हें चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव याचिका दायर करने की छूट प्रदान की जाए इस पर पीठ ने कहा, ''हम जो कर सकते थे, हमने किया। हमें इस याचिका पर विचार करने के लिए कोई आधार नजर नहीं आता।'' तेज बहादुर यादव को सीमा सुरक्षा बल में जवानों को मिलने वाले भोजन की शिकायत का वीडियो पोस्ट करने पर 2017 में बर्खास्त कर दिया गया था। 
 
यादव ने लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट पर नामांकन पत्र दायर किया था जिसे रिटर्निंग अधिकारी ने एक मई को रद्द कर दिया था। यादव ने रिटर्निंग अधिकारी के फैसले को पक्षपातपूर्ण और तर्कहीन बताते हुए इसे निरस्त करने और वाराणसी सीट पर 19 मई को होने वाले चुनाव में शामिल होने की अनुमति देने का अनुरोध न्यायालय से किया था। चुनाव अधिकारी का कहना था कि यादव जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत यह अनिवार्य प्रमाण पत्र पेश नहीं कर सके थे कि उन्हें भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता के लिए बर्खास्त नहीं किया गया है। वाराणसी संसदीय सीट के लिS समाजवादी पार्टी ने शुरू में शालिनी यादव को अपना प्रत्याशी बनाया था परंतु बाद में उसने सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान को अपना उम्मीदवार बना लिया था। यादव के नामांकन पत्र को खारिज करते हुए निर्वाचन अधिकारी ने कहा था कि नामांकन पत्र के साथ चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित स्वरूप में प्रमाण पत्र नहीं है कि उसे भ्रष्टाचार के लिए या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता दिखाने के लिए बर्खास्त किया गया। 
 
कौन हैं तेज बहादुर यादव?
मालूम हो बीएसएफ के जवान रहे तेज बहादुर पिछले साल जम्मू-कश्मीर में तैनात जवानों को खराब खाना दिए जाने की शिकायत वाले वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने के बाद चर्चा में आए थे। उन्हें झूठे आरोप लगाने के आरोप में जुलाई 2018 में बर्खास्त कर दिया गया था। इस लोकसभा चुनाव में उन्होंने वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लडऩे का फैसला किया था। वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ लड़ रहे तेजबहादुर को कई पार्टियों का समर्थन मिल रहा है। तेज बहादुर यादव पिछले कई दिनों से पीएम मोदी के खिलाफ जोरदार प्रचार कर रहे हैं। चुनाव लडऩे के लिए जाते वक्त उन्होंने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा था कि यह लड़ाई असली चौकीदार और नकली चौकीदार के बीच है। 

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