ड्यूटी के दौरान ऑफिस से गायब रहने वाले कर्मचारियों की खैर नहीं, सरकार ने जारी किया ये सख्त आदेश

रायपुर
प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में कामकाज को दुरुस्त करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने सख्त कदम उठाया है। शासन ने कामकाज में लापरवाही बरतने और कार्यालयों में अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों – कर्मचारियों को सबक सिखाने के लिए आदेश जारी किया है, जिसमें कार्यालयीन अवधि में अनुपस्थित रहने पर अधिकारियों – कर्मचारियों की वेतन काटी जाएगी।

शासन ने प्रदेश के सभी संभागों के कमिश्नरों को निर्देशित किया है कि वे अपने प्रभार जिले के मैदानी कार्यालयों का नियमित रूप से आकस्मिक निरीक्षण कर अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच करें। उन्होंने ऐसे आकस्मिक निरीक्षण के दौरान लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत कार्यालयों में संधारित रजिस्टरों की भी जांच करने को कहा है।

जारी आदेश में कहा गया है कि देखा जा रहा है कि शासकीय कार्यालयों में अधिकारी-कर्मचारी कार्यालयीन अवधि में अपने निर्धारित स्थान पर उपलब्ध नहीं रहते, जिसके कारण आम नागरिकों को उनकी छोटी-छोटी समस्याओं के निराकरण के लिए बार-बार शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, जिससे उनमें असंतोष की भावना उत्पन्न होती है। इससे शासन की छवि पर भी विपरीत असर पड़ता है।

आम जनता की समस्याओं का निराकरण करना तथा नागरिकों को शासकीय सेवाएं आसानी से सुलभ कराना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। किसी भी दशा में नागरिकों को इसके लिए परेशान होना स्वीकार्य नहीं है। इस दृष्टि से शासकीय कर्मचारियों की निर्धारित कार्यालयीन अवधि में उनके कार्यालयों में उपस्थिति सुनिश्चित कराना अत्यंत जरूरी है।

मुख्य सचिव ने कमिश्नरों को निर्देशित किया है कि प्रभार जिलों के कार्यालयों के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान उन्हें बिना नियंत्रण अधिकारी की अनुमति अथवा बिना किसी औचित्यपूर्ण कारण के यदि कोई कर्मचारी कार्यालयीन अवधि में कार्यालय में अनुपस्थित मिलता है, तो उसकी अनुपस्थिति को अवैधानिक मानते हुए उसके एक दिन के वेतन की कटौती के लिए नियंत्रक अधिकारी को निर्देशित करें। इसी तरह कार्यालय प्रमुख को भी सचेत करें कि वह सभी अधीनस्थ कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करें अन्यथा उनके उत्तरदायित्व निर्धारण की भी कार्यवाही की जाएगी।

आदेश में यह भी कहा गया है कि कमिश्नर प्रति माह किए गए आकस्मिक निरीक्षणों तथा कार्यालय संबंधी विवरण भी प्रस्तुत करें। इस आदेश में यह भी कहा गया है कि जब भी किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कार्य संपादन के लिए समय-सीमा का निर्धारण किया जाता है तो उसका परिपालन निर्धारित समय-सीमा के भीतर अनिवार्यत: किया जाना चाहिए।

किसी अपरिहार्य कारण से यदि समय-सीमा में कार्य निष्पादन संभव ना हो, तो उसके कारणों को दर्शाते हुए कार्य संपादन के लिए तिथि बताया जाना चाहिए, अन्यथा इसे गंभीरता से लिया जाएगा। मुख्य सचिव ने इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा है।

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