ट्रांसफर नीति के नियम हवा में, बैकडेट में हो रहे थोकबंद तबादले

भोपाल
 तबादलों को लेकर विपक्ष में रहने पर भी सरकार तबादलों पर नियंत्रण नहीं कर पाई| नई तबादला नीति जारी होने के बाद 5 जून से 5 2019 जुलाई तक एक महीने के लिए तबादलों से रोक हटाई गई, लेकिन इस अवधी से अधिक तबादले बाद में किये गए| तबादले पर से प्रतिबंध हटाने की एक माह की अवधि 5 जुलाई 2019 को पूरी हो गई, लेकिन कई विभाग बैक डेट (पुरानी तारीख) में आदेश निकाल रहे हैं। इस दौरान दर्जनों सूचियां जारी हो चुकी हैं|

राज्य सरकार ने पिछले महीने नई तबादला नीति जारी कर 5 जुलाई तक तबादलों से रोक हटा दी थी। यह समयावधि 5 जुलाई को  खत्म हो गई। इस दौरान ज्यादातर विभाग एवं जिलों में सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारियों के तबादला आदेश जारी नहीं किए गए। ऐसे में मंत्रियों ने तबादलों की तिथि बढ़ाने की मांग की। लेकिन तिथि आगे तो नहीं बढ़ी लेकिन तबादलों का क्रम जारी रहा|  जबकि 4 जून 2019 को जारी तबादला नीति में स्पष्ट किया गया था कि विभाग के प्रमुख सचिव अथवा विभागाध्यक्ष द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश को उसी दिन सामान्य प्रशासन विभाग को ई-मेल पर भेजा जाए। इस प्रावधान का किसी विभाग ने पालन नहीं किया। 6 जून से लेकर 13 जुलाई तक विभागों ने 34 से अधिक आदेश निकालकर 1000 से ज्यादा अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले कर दिए। वित्त विभाग के 9 आदेश एक साथ रविवार को मीडिया में आए, जिसमें 147 अधिकारियों को इधर से उधर कर दिया गया। वहीं हैरानी है कि इन तबादलों को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री डाॅ. गोविंद सिंह को जानकारी नहीं कि पुरानी तारीख के आदेश जारी हो रहे हैं|

 गाँव में नौकरी नहीं चाहते शिक्षक

स्कूल शिक्षा विभाग को 22 जुलाई तक स्थानांतरण की मोहलत दी गई है। विभाग के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि शनिवार तक 70 हजार आवेदन पहुंच चुके हैं। अब विभाग पशोपेश में है कि इन पर किस तरह फैसला लाइन, क्योंकि शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है। ज्यादातर शिक्षक ग्रामीण इलाकों से शहरों में जाना चाहते हैं।

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