ट्रंप प्रशासन में हलचल, अमेरिकी खुफिया सेवा के प्रमुख का इस्तीफा, जेम्स मुर्रे को मिली कमान

वॉशिंगटन     
व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति ट्रंप के प्रशासन में मची हलचल के आगे भी जारी रहने का संकेत दिया है. सोमवार को खबर आई कि खुफिया सेवा के प्रमुख अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं. खुफिया सेवा ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका के दौरे पर आने वाले बड़े बड़े नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराती है. ट्रंप की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी खुफिया सेवा के डायरेक्टर रैनडॉल्फ टेक्स एलेस जल्द जाने वाले हैं और राष्ट्रपति ट्रंप ने जेम्स एम मुर्रे को यूएसएसएस का करियर सदस्य चुना है जो मई में अपना काम संभालेंगे.

डायरेक्टर रैनडॉल्फ टेक्स एलेस का इस तरह जाना और काफी जल्दी में जेम्स मुर्रे को कमान सौंपने के पीछे कारण क्या है, इसका अभी खुलासा नहीं हो पाया है. हालांकि अमेरिकी मीडिया में एलेस की विदाई को उस घटना के साथ जोड़ कर देखा जा रहा है जब बीते मार्च महीने में फ्लोरिडा में राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा में बड़ी सेंधमारी देखी गई थी. यह घटना ट्रंप के गोल्फ क्लब में हुई थी जिसमें एक अनधिकृत महिला चीनी पासपोर्ट के साथ राष्ट्रपति के काफिले में घुस गई थी. उस महिला के पास कई संदिग्ध सामान मिले थे जिनमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अलावा मालवेयर से युक्त एक थंब ड्राइव बरामद किया गया था.  

इस बाबत कुछ और भी मीडिया रिपोर्ट सामने आई हैं. कहा जा रहा है कि हाल फिलहाल व्हाइट हाउस में स्टाफ की भर्ती को लेकर वैश्विक स्तर पर जिस प्रकार की गरमा-गरम बहस चली है, उसे देखते हुए भी एलेस को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी हो. अभी दो दिन पहले रविवार को ही राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट के माध्यम से यह खबर दी कि होमलैंड सिक्योरिटी के सचिव कर्स्टन निल्सन की विदाई हो गई है. निल्सन ने अमेरिका में अवैध प्रवासियों और ऐसे लोगों के अवैध प्रवेश को लेकर विवादित नीतियां बनाई थी जिसकी वजह से विश्व बिरादरी में अमेरिका की काफी किरकिरी हुई.  ट्रंप ने अचानक निल्सन को हटाने का फैसला किया और उनका काम कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन कमिश्नर केविन मैकएलीनान को सौंप दिया.   

अमेरिका की खुफिया सेवा के जिम्मे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और उनके परिवार की सुरक्षा का काम होता है. पूर्व राष्ट्रपति और बाहरी देशों से अमेरिका पहुंचे राष्ट्राध्यक्षों को भी खुफिया सेवा सुरक्षा मुहैया कराती है. इसके अलावा देश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों जैसे कि व्हाइट हाउस और विदेशी दूतावासों को भी सुरक्षा मुहैया कराना होता है. अमेरिका की यह सिक्रेट सर्विस या खुफिया सेवा नकली मुद्रा और वायर फ्रॉड जैसे वित्तीय अपराधों के खिलाफ भी कार्रवाई करती है.

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