टीकमगढ़-खजुराहो में भाजपा-कांग्रेस को चुनौती देने वाले नेताओं की तलाश

भोपाल
समाजवादी पार्टी को प्रदेश में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिये मजबूत प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं। राज्य इकाई भंग होने से सपा के नेता हाथ पे हाथ धरे बैठे हैं। ऐसे में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी के एकमात्र विधायक राजेश शुक्ला को उम्मीदवार तय करने की जिम्मेदारी दी है। शुक्ला ने टीकमगढ़ और खजुराहो के लिये भाजपा व कांग्रेस को चुनौती देने वाले नेताओं की तलाश शुरू कर दी है। टीकमगढ़ से प्रत्याशी घोषणा के बाद भी नये दावेदार की तलाश है।

प्रदेश में सपा और बसपा के बीच समझौता हुआ है। बसपा ने तीन और सपा ने एक प्रत्याशी की घोषणा की है। दोनों दलों के लिये प्रदेश में मजबूत उम्मीदवार मिलने का टोटा है। पार्टियां भाजपा और कांग्रेस से टूटे असंतुष्ट नेताओं को अपने पाले में मिलाने का इंतजार कर रही हैं। खबर है कि दो दिन पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बिजावर के सपा विधायक राजेश शुक्ला के साथ लंबी बैठक की है। खजुराहो पर फोकस किया है कि अगर भाजपा और कांग्रेस दोनों राजपूत प्रत्याशी उतारते हैं तो सपा ब्राम्हण प्रत्याशी को चेहरा बनाये। राजनगर से विधानसभा का चुनाव लड़े नितिन चतुर्वेदी के नाम पर विशेष चर्चा की गई। 

खबर है कि अखिलेश, कांग्रेस के कद्दावर नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी को चुनाव मैदान में लाना चाहते हैं। विधायक राजेश शुक्ला के बड़े भाई जगदीश शुक्ल को लेकर भी मंथन हुआ है। ब्राह्मण उम्मीदवार नहीं मिलने की दशा में ओबीसी प्रत्याशी को दूसरे नम्बर पर रखा है। शुक्ल ने बताया कि भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी सामने आने के बाद सपा अपने पत्ते खोलेगी। पार्टी की राज्य इकाई का गठन चुनाव बाद होगा। इसके पहले कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति की जा सकती है। वे अध्यक्ष पद की दौड़ में नहीं हैं।

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