‘टाइगर इज बैक’ IN मध्यप्रदेश, दिखाया यहां सिर्फ हमारा ही जलवा है!

भोपाल
 विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि टाइगर अभी जिंदा है। हार के बाद कयास लगाए जा रहे थे, शिवराज का सूर्य अब अस्त होगा। लेकिन तमाम चर्चाओं के बीच मध्यप्रदेश में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की कमान एक बार फिर से शिवराज सिंह के हाथों में सौंप दी।

उसके बाद लोकसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान जबरदस्त तरीके से एक्टिव हो गए। फिर उन्होंने अपने हिसाब से उम्मीदवारों का चयन किया। जहां उम्मीदवारों का विरोध हुआ वहां संगठन के लोगों को मनाया। साथ ही शिवराज ने साबित कर दिया कि उन्होंने जीताऊ उम्मीदवारों का ही चयन किया था।

यही नहीं चुनाव प्रचार के दौरान शिवराज सिंह पूर्ण तरीके से सक्रिय थे। वो सड़क से लेकर हवाई मार्ग तक को एक किए हुए थे। हर दिन आधा दर्जन से ज्यादा सभाएं करतें और सड़क मार्ग से जाते हुए लोगों से मिलते भी। शिवराज अपनी रैलियों में अपने शासनकाल की अच्छाइयों की जिक्र करते।

किसान कर्जमाफी और बिजली को उन्होंने बड़ा मुद्दा बनाया। शिवराज लगातार कहते रहे कि किसानों के साथ छल हुआ है। कर्जमाफी के नाम पर वादाखिलाफी हुई है। कांग्रेस सबूत पेश करती रह गई लेकिन शिवराज अपनी बातों पर अड़े रहे। चुनाव के आखिरी वक्त तक वो कहते रहे कि किसानों के साथ वादाखिलाफी हुई है।

बिजली कटौती को भी उन्होंने राज्य में बड़ा मुद्दा बनाया। शिवराज अपनी हर रैलियों में कहते थे कि बिजली बिल आधी कम करने के चक्कर में कांग्रेस ने बिजली ही आधी कर दी। हद तो तब हो गई जब कांग्रेस सरकार मध्यप्रदेश में बिजली विभाग के सैकड़ों कर्मचारियों पर कार्रवाई कर शिवराज की बातों पर मुहर लगा दी।

शिवराज के निशाने पर हमेशा राहुल गांधी और कमलनाथ रहे। राज्य के मुद्दों पर वह पूरी तरह एक्टिव रहे। उस पर तुरंत रिस्पांड करते थे। केंद्र सरकार की योजनाओं को राज्य से जोड़ते थे। विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी वह पूरी तरह से सक्रिय रहे।

केंद्रीय नेतृत्व भी शिवराज की बात मानती रही। पार्टी ने संगठन में भी उन्हें बड़ी जिम्मेवारी दी। पार्टी ने उपाध्यक्ष बनाया है। इसके साथ ही बीजेपी की प्रचंड जीत पर शिवराज सिंह एमपी से दिल्ली चले गए। वहां भी मोदी के संबोधन के दौरान वो मंच पर नजर आए।

दरअसल, मध्यप्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं, जिसमें बीजेपी को 28 सीटें मिली हैं और कांग्रेस 1 सीट। शिवराज के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि उन्होंने अपनी सटीक रणनीति से कांग्रेस के अभेद किले को भी भेद दिया। गुना-शिवपुरी सीट से कांग्रेस उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी हराने में कामयाब रहे।

इसके साथ ही शिवराज ने अपने उस बयान को साबित भी कर दिया है कि टाइगर अभी जिंदा है। उन्होंने एमपी प्रचंड जीत के साथ फिर बैक किया और दिखा दिया है कि जलवा तो मेरा ही हैं।

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