ज्रासन योग सेहत के लिए बहुत फायदेमंद

योग के ऊपर आज हजारों रिसर्च मौजूद हैं, जिनमें इस बात की पुष्टि होती है कि इसके जरिए विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं, कुछ ऐसी भी गंभीर बीमारियां हैं, जिनको ठीक करने के लिए योगासन का बार-बार अभ्यास करने से भी सकारात्मक असर देखने को मिलता है। वज्रासन ऐसा ही एक खास योग है जिसे आप घर बैठे ही कर सकते हैं।

वज्रासन योग हृदय रोग और पेट से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं को खत्म करने के लिए प्रभावी रूप से कारगर साबित हो सकता है। आइए सेहत से जुड़े इसके फायदों के बारे में जानते हैं।

कब्ज की समस्या दूर करे

पेट से जुड़ी सबसे आम समस्या कब्ज की होती है जिससे ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं। जबकि वज्रासन योग का अभ्यास करने से पाचन क्रिया को दुरुस्त करके कब्ज की समस्या से राहत पाई जा सकती है। 3 से 4 दिन तक लगातार अभ्यास करने के बाद आप इससे होने वाले फायदे को खुद ही महसूस करने लगेंगे।

हृदय रोग

हृदय रोग कि कई कारण हो सकते हैं जो हमारे खान-पान की आदत पर भी निर्भर करता है। कुछ मेडिकल कंडीशन में ब्लड प्रेशर का उतार-चढ़ाव की हृदय रोग का कारण माना जाता है। जबकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस बात की पुष्टि की गई है कि वज्रासन योग का अभ्यास करने के कारण ब्लड सर्कुलेशन का फ्लो सामान्य बना रहता है और हृदय रोग का खतरा भी कई गुना तक कम हो जाता है।

एकाग्रता होती है मजबूत

पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह योगासन काफी फायदेमंद साबित होगा। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार वज्रासन योग करने के कारण एकाग्रता में बढ़ोत्तरी होती है। जिन छात्रों का पढ़ाई के दौरान एक विषय पर लगातार मन नहीं लगा रहता उन्हें वज्रासन योग का अभ्यास जरूर करना चाहिए।

पेट को बाहर निकलने से रोके

कई लोग ऐसे भी हैं जो सिटिंग जॉब से जुड़े होते हैं। ऐसे लोग आठ से 10 घंटे तक बैठकर काम करते हैं और इससे पेट के बाहर निकलने का खतरा बढ़ जाता है। जबकि वज्रासन योग को खाना खाने के बाद अगर सुबह और शाम किया जाए तो इससे पेट के बाहर निकलने की समस्या से बचे रहने में मदद मिल सकती है।

वज्रासन योग करने का तरीका

    सबसे पहले योग मैट पर बैठ जाएं।
    अब अपने दोनों पैरों के घुटने के बल खड़ें हों।
    अब इसी स्थिति में वापस मैट पर बैठ जाएं।
    बैठने के बाद आपके पैरों के तलवे, कुल्हे के नीचे होंगे।
    अब अपने दोनों हाथों को पैरों की जांघ पर रख लें।
    इस मुद्रा में 5-10 मिनट रहते हुए सामान्य रूप से सांस लेते रहें।

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