जॉर्ज फर्नांडिस को एमपी के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि, कमलनाथ ने बताया सादगी का प्रतीक

भोपाल 
वाजपेयी सरकार में रक्षा मंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडिस का मंगलवार को निधन हो गया. वह 88 साल के थे. पारिवारिक सूत्रों ने उनके निधन की पुष्टि की है. फर्नांडिस लंबे समय से बीमार चल रहे थे, परिवार ने बताया कि फर्नांडिस अल्जाइमर से पीड़ित थे और हाल ही में उन्हें स्वाइन फ्लू हो गया था. स्वास्थ्यगत कारणों के चलते वह लंबे समय से सार्वजनिक जीवन से बाहर थे.

देश भर से उनको श्राद्धांजलि देने का सिलसिला शुरू हो गया है. मध्य प्रदेश के नेताओं ने भी जॉर्ज फर्नांडिस को श्रद्धांजलि दी है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें सादगी का प्रतीक बताया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'राजनीति में सरल,सौम्य,सादगी के प्रतीक वरिष्ठ नेता,पूर्व केंद्रीय मंत्री जार्ज फ़र्नांडीस का दुखद निधन का समाचार स्तब्ध करने वाला है. उन्होंने विभिन्न पदों पर रहकर देश की वर्षों सेवा की है. ईश्वर उन्हें अपने चरणो में स्थान प्रदान व परिजनो को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे.'

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, 'समाजवाद के सजग प्रहरी, पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीज की राजनीति के केंद्र में सदैव देश का उत्थान व गरीबों का कल्याण रहा. हित के मुद्दों पर आर-पार की लंबी लड़ाइयां लड़ने वाले एक सच्चे नेता को देश ने आज खो दिया.विनम्र श्रद्धांजलि!
'रीबों की मुखर आवाज और बेबाक नेता जॉर्ज फर्नांडीज ने अपनी हर जिम्मेदारी को दिल से निभाया. रेल, उद्योग और रक्षा मंत्रालयों की जिम्मेदारी मिली तो इन क्षेत्रों में आपने अपने कार्यों से देश को बेहतर और मजबूत बनाने का काम किया.'

गरीबों की आवाज बुलंद करने वाले, दस भाषाओं के जानकार, निर्भीक नेता जॉर्ज फर्नांडीज की आवाज इमर्जेंसी में जेल की दीवारें भी नहीं दबा सकीं. हक और अधिकार की लड़ाई के लिए आप सदैव जाने जाएंगे. आप हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे.

बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में जॉर्ज फर्नांडिस रक्षा मंत्री रहे. वह 1998 से 2004 के बीच देश रक्षा मंत्री रहे. 2004 में ताबूत घोटाला सामने आने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. बाद में दो अलग-अलग कमिशन ऑफ इन्क्वायरी में उन्हें दोषमुक्त करार दिया गया था.

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