जेट कर्मचारी की बेटी का दर्द, बोली- पापा गरीब हो गए हैं

 
नई दिल्ली 

पायलट मोहित डागर 17 अप्रैल को शाम पांच बजे इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पहुंचे। उन्हें फ्लाइट लेकर अमृतसर होकर मुंबई जाना था। तभी उनके मोबाइल में एक मेल आया और पता चला कि वह 25 साल पुरानी एयरलाइन की लास्ट फ्लाइट लेकर जा रहे हैं। उन्होंने बताया, 'मुझे इस बात पर यकीन ही नहीं हुआ तो दोबारा रोस्टर चेक करने के लिए फोन किया। लेकिन पता चला वाकई में यह मेरी आखिरी उड़ान है।' 

डागर ने कहा, 'मैं दिल्ली का रहने वाला हूं और दूसरे दिन वापस आना था। आम तौर पर मैं अपनी ही फ्लाइट से वापस आता था तो लोग पूछ रहे थे कि वापस कैसे आओगे? मुझसे कहा गया कि अगर फ्लाइट नहीं ले जाना चाहते हो तो कोई बात नहीं लेकिन मैं नहीं चाहता था कि एयरपोर्ट पर आए हुए लोग निराश होकर वापस जाएं।' 

को-पायलट प्रतीक, केबिन मेबर आतिश नायडू, निशत, सोनिया और जयश्री दोपहर में ही मुंबई से दिल्ली पहुंच गए थे। जेट एयरवेज के कर्मचारी बहुत निराश थे। डागर ने कहा, 'किसी ने नहीं सोचा था कि हमारी कंपनी की यह हालत होगी। मैं चार महीने से बिना सैलरी के काम कर रहा था लेकिन कभी शिकायत नहीं की क्योंकि उम्मीद थी कि एक दिन सैलरी जरूर आएगी। मेरी तरह और भी पायलट नौकरी छोड़कर नहीं गए क्योंकि यह भारत की सबसे अच्छी एयरलाइन है।' 

लोग इस मुश्किल की घड़ी में अपने घर वालों के पास जा रहे थे लेकिन डागर ने अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया। उन्होंने बताया, 'मैंने अपने अधिकारी को फोन किया तो उन्होंने समझाया कि यह सामान्य दिन नहीं है लेकिन अपनी भावनाओं पर काबू करके सभी नियमों का पालन करना होगा और चेकलिस्ट देख लेनी चाहिए कि कोई गलती तो नहीं हो रही है।' 

डागर ने बताया, 'जब मैं मुंबई पहुंचा तो एक यात्री मेरा पास आया और धन्यवाद देते हुए बोला मैंने नहीं सोचा था कि आप इस परिस्थिति में भी विमान लेकर आएंगे। मैंने कहा कि यह तो मेरा जुनून है जो कि बिना सैलरी के भी विमान उड़वा रहा था। अनाउंसमेंट किया गया कि यह आखिरी उड़ान है और उम्मीद करते हैं कि जल्द दोबारा आपकी सेवा में हाजिर होंगे।' 

उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा भावुको तो लोडर स्टाफ के लोग थे जिनकी सैलरी सबसे कम है। डागर ने बताया, 'एक लोडर मेरे पास आया और बोला कि वापस तो आएंगे ना? छोड़कर तो नहीं जाएंगे? यह कहते हुए उसकी आंख भर आई।' लोडर स्टाफ लंबे समय से यहां काम कर रहा है और नई नौकरी उनके लिए नए जीवन की तरह होगी। मुंबई पहुंचे पर डागर ने अपनी टाई उतार दी ताकि मीडिया के लोगों के सवालों से बच सकें। इसके बाद वह अपने होटल में चले गए। 

47 साल के जेट के एक इंजिनियर ने बताया कि घर पर बैठकर प्रार्थना करना बहुत कठिन काम है। उन्होंने कहा, 'मेरा परिवार बहुत दुखी है और पांच साल की बेटी कहती है कि मेरे डैड गरीब हो गए हैं।' एयर इंडिया में हेड एचआर रहे एनके जैन कहते हैं कि ऐसी परिस्थिति इंसान को तोड़ देती है। एयरलाइन की नौकरी एलीट क्लास के जैसे होती है और अचानक ऐसा मोड़ आ जाना बहुत बड़ा झटका दे जाता है। 
 

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