जुरगुम के पशुओं के लिए हो गई हरे चारे की व्यवस्था
जशपुरनगर
गांवों की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाली छत्तीसगढ़ शासन की नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के अंतर्गत जशपुर जिले के बगीचा जनपद के ग्राम जुरगुम में बना गौवंशीय पशुओं के लिए बना गौठान आस-पास के ग्रामीणों के लिए दर्शनीय स्थल बन गया है। 6 एकड़ में बने इस गौठान में बड़ी संख्या में साल के ऊंचे और घने वृक्ष लगे हैं जिसकी वजह से यहां का हरा-भरा और छाया युक्त वातावरण बेहद मनोरम दिखाई देता है।
गौठान में 558 पशुओं के चारे, पानी और विश्राम के साथ ही विचरण का पर्याप्त स्थान है। जुरगुम के गौठान की चारागाह समिति ने गौठान से लगे आठ एकड़ रकबे में महीने भर पहले ही जुताई कर मक्का और बाजरा की बुवाई कर दी थी। एक सप्ताह के भीतर गौठान में आने वाले पशुओं को हरा चारा मिलने लगेगा। गौठान में पशुओं के चारे के लिए 3 कोटना और 3 पेयजल टंकी बनाई गई है। धान का पैरा रखने के लिए 10 मचान बनाए गए हैं। गौठान में पानी की व्यवस्था एवं चारागाह की सिंचाई के उददेश्य से कराए गया बोर फेल होने की वजह से यहां पेयजल एवं सिंचाई की व्यवस्था मैनी नाला से पानी लिफ्ट कर की जा रही है। यह नाला मैनी से ही शुरू होता है और 28 किलोमीटर सरबकोम्बो में नदी में मिल जाता है। इस नाले का कैचमेंट एरिया काफी विस्तृत और पहाड़ों से घिरा है। जिसकी वजह से इसमें पानी का बहाव हमेशा बना रहता है।
गौठान फेंसिंग के लिए महिलाएं बना रही सीमेंट पोल
जुरगुम के गौठान की देखभाल की जिम्मेदारी सम्भाल रही स्व-सहायता समूह की महिलाएं गौठान की फेंसिंग के लिए सीमेंट पोल का निर्माण कर रही है। ग्राम पंचायत द्वारा महिला समूहों से इसको क्रय कर गौठान की फेंसिंग कराई जाएगी इससे महिला समूह को अतिरिक्त आमदनी होगी। चारागाह समिति का गठन किया गया है जिसमें 11 ग्रामीणों के अलावा पंचायत एवं ग्रामीण विकास, कृषि, पशुपालन, उ़द्यानिकी, आजीविका मिशन के अधिकारी सहित अन्य अधिकारी शामिल है। चारागाह समिति की साप्ताहिक बैठक होती है। गौठान में आने वाली पशुओं के स्वास्थ्य की देखरेख के लिए स्वास्थ्य विभाग मैदानी कर्मचारी प्रतिदिन आते हैं।