जिले का वह सरकारी स्कूल जहां दाखिले के लिए लगती है लाइन

छतरपुर 
आमतौर पर देश में सरकारी स्कूलों की हालत बेहद खराब मानी जाती है. लोग अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए निजी स्कूलों में शिक्षा दिलाने में भरोसा रखते हैं. लेकिन मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बरहा गांव का एक ऐसा सरकारी स्कूल है जिसमें पढ़ने का मौका मिलने पर छात्र व परिजन खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं.

इस स्कूल में का परिसर बेहद खूबसूरत है. पूरे परिसर में रंग-बिरंगे फूल और इन सब के बीच मां सरस्वती का सुंदर मन्दिर बनाया गया है. इस स्कूल में बच्चे पूरी लगन से अपनी पढ़ाई करते हैं.  इस परिसर में प्राथमिक और मिडिल दोनों स्तर की कक्षाएं चलती हैं, जिसमे करीब 5 सौ बच्चे पढ़ाई करते हैं. पिछड़ा और ग्रामीण इलाका होने के बावजूद भी यहां के बच्चों का संस्कार और अनुशासन देखते बनता है.  स्वच्छता के मामले में भी स्कूल अव्वल है.

जानकारी के मुताबिक इस स्कूल के कायाकल्प की नींव एक दृष्टिहीन शिक्षक एमपी रजक ने रखी थी. उनके सपने को पूरा करने का काम इस स्कूल के स्टॉफ ने मिलकर किया. शिक्षकों ने सकरारी पैसे के अलावा अपने पास से पैसे लगाकर स्कूल परिसर में सुंदर बागवानी, मां सरस्वती का मंदिर बनाया. ताकि यहां पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई के लिए अच्छा माहौल मिल सके और उनका सर्वांगीण विकास हो सके. हालांकि इसके बावजूद स्कूल में बिजली, फर्नीचर, और बोर की कमी है जिसके लिए शिक्षक शासन से आस लगाए हुए हैं.

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