श्योपुर में शवयात्रा के दौरान नदी में डूबने से बाल-बाल बचे 10 लोग

श्योपुर
मध्य प्रदेश के श्योपुर में दस लोग तब डूबने से बाल बाल बच (narrowly escaped) गए. दरअसल, कुछ लोग मिलकर एक शव को कंधों पर लेकर नदी पार कर रहे थे. इन लोगों को नदी के जलस्तर बढ़ जाने की खबर नहीं थी. नदी के उस पार मृतक का अंतिम संस्कार किया जाना था. शवयात्रा (Funeral procession) में शामिल हुए सभी लोगों ने यह माना कि नदी में पानी घुटने भर से ज्यादा नहीं होगा. लेकिन शवयात्रा के दौरान बीच नदी में गर्दन तक पानी आ जाने के कारण अचानक कुछ लोगों का संतुलन बिगड़ गया. ऐसे में कई लोग डूबने लगे थे. इसे चमत्कार ही कहा जाएगा कि सभी ने अपनी जान बचाते हुए शव को लेकर नदी पार कर ली.

बता दें कि भारी बारिश (Heavy Rain) के कारण श्योपुर जिले के रतड़ी नदी (Ratdi River) के उफनने की वजह से करीब दर्जन भर से ज्यादा गांव के लोगों का जनजीवन ठप हो गया है. यह नदी मौसमी है जो बारिश के मौसम में उफनने लगती है. ऐसे में लोग घर में ही रहना सुरक्षित समझते हैं. हालांकि, किसी अनिवार्य स्थिति में विशेषकर स्वास्थ्य संबंधी समस्या (Health Problem) सामने आ जाती है या फिर गांव में किसी की मौत हो जाती है तब नदी पार करना पड़ता है.

जानकारी के अनुसार सिरसोद गांव के निवासी सियाराम मीणा की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाना था. इस गांव के निवासी प्रभात मीणा ने कहा कि जब नदी के किनारे का पानी घुटनों तक आ गया तब सभी लोगों ने शव को कंधों पर लेकर नदी पार करने का निश्चय किया. लेकिन नदी के बीच में पहुंचते ही नदी का जलस्तर बढ़ गया. उन्होंने कहा कि ऐसे में नदी की तेज धार के चलते कुछ लोगों का संतुलन बिगड़ गया. उन्होंने कहा कि सभी लोग किसी तरह नदी पार करने में सफल हो गए.

प्रभात मीणा ने कहा कि इस नदी पर पुल निर्माण का काम काफी वर्षों से लंबित पड़ा है. उन्होंने कहा कि इस नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति 2008 में ही दी जा चुकी है. लेकिन इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ. वहीं इस बारे में जिलाधिकारी वसंत कुर्रे ने कहा कि भारी बारिश के कारण चंबल सहित अन्य नदियां उफन रही हैं. सभी जलस्रोत लबालब भर गए हैं.

उन्होंने कहा कि पुल निर्माण की लागत का आकलन किए जाने के आदेश दिए गए हैं ताकि अगले मानसून सीजन में ग्रामीणों को कोई परेशानी नहीं हो. बता दें कि पिछले साल खाट पर एक गर्भवती महिला को नदी पार कराने के दौरान दस लोग इसी नदी को पार करने के दौरान फंस गए थे.

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