जिंदा जलाकर मारने की कोशिश करने वाले पति को पत्नी ने कोर्ट से दिलाई माफी

 
अहमदाबाद 

8 साल पहले जिस पत्नी को शख्स ने आग के हवाले कर मरने के लिए छोड़ दिया था, उसी पत्नी ने कोर्ट के सामने शपथपत्र दायर करके अपने पति को सजामुक्त करा लिया। पत्नी ने कोर्ट में दलील दी कि मामले में दोषी पति के स्वभाव में काफी सुधार आया है और अब वह खुशी-खुशी अपना जीवन बिता रहे हैं। 
 
8 साल पहले नूरजहां कचोट नाम की महिला को उनके पति इरफान कचोट और ससुराल वालों ने मिट्टी का तेल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया था। इस घटना में नूरजहां के कपड़ों में आग लग गई थी और मदद के लिए चिल्ला रही थीं। पड़ोसियों ने उनकी चीख सुनकर उनको जिंदा जलने से बचा लिया। इस घटना ने नूरजहां को पूरी तरह हिला कर रख गया था लेकिन तब एक बेटी की मां नूरजहां ने न्याय के लिए मजबूती से लड़ाई लड़ी। 

उन्होंने अहमदाबाद जिला न्यायालय के सामने अपने उत्पीड़न की दास्तां बयां की। इसमें उनके पति इरफान कचोट को दोषी पाया गया और उन्हें फरवरी 2013 में तीन साल की जेल की सजा हुई। एक महीने बाद उसने हाई कोर्ट में दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर की और उसे जमानत मिल गई। रिहाई के बाद इरफान ने नूरजहां के साथ शांतिपूर्वक जीवन बिताने का फैसला किया और दोनों एक और बच्चे के पैरंट्स बन गए। 

पत्नी ने कहा- पति में आया है बदलाव 
6 साल बाद जब इरफान की अपील पर गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई हुई तो नूरजहां ने अपने पति को दोबारा जेल जाने से बचाने का फैसला किया। नूरजहां ने हाई कोर्ट में कहा कि वह इरफान को छोड़ दें, वह इरफान के साथ अब खुशी-खुशी परिवारिक जीवन बिता रही हैं। घटना के बाद से इरफान में बदलाव आया है। 

'पति को जेल हुई तो परिवार होगा पीड़ित' 
नूरजहां ने एक हलफनामा दायर किया और कोर्ट को बताया कि दोषी ठहराए जाने के बाद से इरफान अच्छे से बर्ताव कर रहे हैं और वह दोनों खुशी-खुशी साथ रह रहे हैं। नूरजहां ने कोर्ट के सामने दलील देते हुए कहा, 'इस घटना के बाद हमारी दूसरी बेटी भी हुई है। अगर पति को जेल होगी तो पूरा परिवार भुगतेगा।' नूरजहां को सुनने के बाद जस्टिस ए जी उरैजी ने इस महीने की शुरुआत में आदेश दिया कि इरफान को शेष सजा काटने की जरूरत नहीं है और उनकी सजा को 'न्याय के हित में' संशोधित किया जाता है। 

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