जानें कौन हैं BIMSTEC देश, मोदी के शपथ ग्रहण में होंगे मेहमान

 
नई दिल्ली  
       
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में BIMSTEC देशों के मेहमान शामिल होंगे. BIMSTEC का फुल फॉर्म Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation है. ये बंगाल की खाड़ी से जुड़े हमारे पड़ोसी हैं जिनमें सात देश शामिल हैं. BIMSTEC के बारे में पूरा ब्यौरा यहां पढ़ें. ये भारत के लिए कैसे सहयोगी साबित होने वाले हैं, यह भी जानें.

मल्टी सेक्टर में तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव बनाया गया था। इसमें दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के सदस्य देश हैं। 30 मई को पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए बिम्सटेक देशों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। यह एक तरह से बंगाल की खाड़ी से तटवर्ती या समीप देशों का एक अंतरराष्ट्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोगी संगठन है. इसमें बांग्लादेश, भारत, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड जैसे 7 देश शामिल हैं. इसका मुख्यालय ढाका, बांग्लादेश में है. 

सार्क से कैसे अलग है BIMSTEC

सार्क (SAARC) देशों के संगठन की ही तरह BIMSTEC बंगाल की खाड़ी के देशों का एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए जुड़े हैं. वहीं सार्क SAARC (South Asian Association for Reasonal Cooperation)  संगठन का उद्देश्य दक्षिण एशिया में आपसी सहयोग से शांति और प्रगति हासिल करना है. सार्क के सात सदस्य देश भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और मालदीव हैं.

संगठन का बदला गया नाम

BIMSTEC में म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल भूटान के साथ India भी शामिल है, इसमें कुल सात राष्ट्र जुड़े हैं दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के सभी राष्ट्र BIMSTEC के सदस्य हैं, खासकर वे राष्ट्र जो बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती और समीपवर्ती क्षेत्रों में स्थित हैं. इस BIMSTEC संगठन का गठन 6 जून, 1997 को किया गया था. तब यह BISTEC था जो बाद में मल्टी सेक्टोरल जुड़ने से 1998 में BIMSTEC  में बदल गया. BIMSTEC का स्थायी मुख्यालय बांग्लादेश की राजधानी ढाका में है. सदस्य राष्ट्र अपने नाम के अक्षरों के अनुसार रोटेशन पर बिम्सटेक की अध्यक्षता करते है.

नेपाल में बीते साल हुआ था सम्मेलन

संगठन का गठन तकनीकी और आर्थिक क्षेत्रों में सदस्य देशों के बीच अधिक से अधिक सहयोग के उद्देश्य से किया गया था. चौथा बिम्सटेक शिखर सम्मेलन नेपाल में वर्ष 2018 में हुआ था शिखर सम्मेलन का विषय बंगाल की खाड़ी पर केंद्रित था.

यह दोस्ती रहेगी फायदेमंद

कहा जा रहा है कि BIMSTEC से गहरी दोस्ती भारत के हक में रहेगी. बिम्सटेक से जुड़े देशों ने 14 तकनीकी और आर्थिक क्षेत्रों में एक दूसरे के सहयोग के लिए सहमति व्यक्त की. इससे भारत को भी सीधा फायदा मिल रहा है. इनमें पर्यटन, जलवायु परिवर्तन, तकनीक से लेकर कृषि, सार्वजनिक स्वास्थ्य और अधिक सहयोग शामिल है. इसमें दक्षिण और दक्षिण पूर्व Asia के सदस्य राज्य हैं। 30 मई को PM नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए बिम्सटेक देशों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है. कहा जा रहा है पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंधों की दिशा में यह एक मजबूत कदम साबित होगा.

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