जवान ने गलती से किया था LOC पार, अब सेना पर लगाए उत्पीड़न के आरोप

 
मुंबई 

गलती से 2016 में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पार कर पाकिस्तान पहुंच जाने वाले जवान चंदू चौहान ने सेना से इस्तीफा देने का मन बना लिया है. चंदू चौहान ने सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर अपने मन की बात कही है.
वीडियो में चंदू चौहान यह कहते नजर आ रहे हैं कि जब से वे पाकिस्तान से छूटकर भारत वापस लौटे हैं तब से उन्हें सेना की ओर से लगातार सजाएं दी जा रही हैं. चंदू चौहान ने माना है कि उनकी गलती के लिए कोर्ट मार्शल के बाद उन्हें 90 दिनों की जेल हो गई थी.

सेना के जवान का आरोप है कि उसे आए दिन किसी न किसी वजह से प्रताड़ित किया जा रहा है. जवान का कहना है कि उन्हें अहमदनगर के रेजीमेंट सेंटर में इलाज का बहाना बनाकर रह रहा है, लेकिन सेना ने 3 महीने से उसका आइडेंटिटी कार्ड जब्त कर लिया है.

आमरण अनशन करेगा जवान

आरोप है कि जब जवान ने अपने आला अधिकारियों से इस मामले में संपर्क किया तो कार्रवाई की वजह नहीं बताई गई. चंदू ने अहमदनगर आर्मी सेंटर के सीनियर अधिकारी को चिट्ठी लिखरी है कि अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. वह फौज से इस्तीफा देना चाहता है. आने वाले कुछ दिनों वह आमरण अनशन भी करेगा.

सेना ने आरोपों को बताया गलत

वहीं भारतीय सेना ने इस मामले में विज्ञप्ती जारी कर अपनी सफाई पेश की है. सेना का कहना है कि चंदू चौहान लगातार गलतियां करता आए हैं. चंदू ने कई बार जुर्म किया है, जिसके 5 मामले उनके खिलाफ चल रहे हैं. चंदू चौहान ने आम चुनावों में राजनीतिक पार्टियों के समर्थन में प्रचार किया जिसने काफी सुर्खियां बटोरीं. धुले में सिविल एडमिनिस्ट्रेशन ने इस संबंध में शिकायत भी की थी.

हाल ही में यूनिट लाइन के पास चंदू चौहान को शराब के नशे में पाया गया था. जब तक उनके खिलाफ अनुशासनात्मक जांच चल रही है वे 3 अक्टूबर से बिना छुट्टी लिए यूनिट से बाहर हैं. सेना लगातार चंदू चौहान को सुधारने की कोशिश कर रही है लेकिन अपने गलत रवैये के कारण जवान में कोई सुधार नहीं आ रहा है. सेना ऐसे किसी भी गैरअनुशासनात्मक रवैये को बर्दाश्त नहीं करती है. यूनिट को अभी तक प्रीमेच्योर डिस्चार्ज के लिए कोई अनुरोध नहीं मिला है.

कौन हैं चंदू चौहान?

भारतीय सेना के जवान चंदू बाबूलाल चौहान 21 जनवरी 2017 को पाकिस्तान से रिहा होकर स्वदेश लौटे थे. चंदू चौहान 29 सितंबर 2016 को गलती से एलओसी क्रॉस करके पाकिस्तान में चले गए थे. ये वो दिन था जब भारतीय फौज के बहादुर कमांडोज़ ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर आठ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था. ऐसे में चंदू चौहान को पाकिस्तानी सेना क्या सही सलामत वापस करेगी ये बड़ा सवाल सबके ज़हन में था.

21 जनवरी को हुआ रिहा

साढ़े तीन महीने बाद भारतीय सरकार के विभिन्न खेमों ने अपने-अपने स्तर पर बातचीत की थी. पाकिस्तान की सेना के आला अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाकर चंदू चौहान को सही सलामत वापस लाने के लिए सरकार ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था. सरकार को इस मामले में कामयाबी मिली थी और पाकिस्तान जवान को वापस कर दिया था.

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