कोरोना के कहर के बीच जनता कर्फ्यू से दूर हुआ जानलेवा जहर
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री के आह्वान पर रविवार को आयोजित किए गए जनता कर्फ्यू ने दिल्ली की हवा में घुले जानलेवा जहर को काफी हद तक साफ कर दिया है। सड़कों पर वाहनों के नहीं उतरने से वातावरण में नाइट्रोजन आक्साइड की मात्रा बेहद कम रही है। दिल्ली में ज्यादातर जगहों पर इसे संतोषजनक या अच्छी श्रेणी में रिकार्ड किया गया है।
राजधानी की सड़कें रविवार के दिन सन्नाटे में डूबी रहीं। जनता कर्फ्यू के चलते ज्यादातर लोग अपने घरों तक सीमित रहे। जबकि, सड़कों पर इक्का-दुक्का कैब वाहन घूमते दिखे। दिल्ली परिवहन निगम ने भी अपनी बस सेवा को सीमित कर दिया था। इसके चलते दिल्ली की सड़कों पर वाहनों की आज नहीं के बराबर रही। इसका असर दिल्ली के प्रदूषण पर भी दिखा है। दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में नाइट्रोजन आक्साइड के प्रदूषण में खासी गिरावट आई है। ज्यादातर जगहों पर नाइट्रोजन आक्साइड की मात्रा सूचकांक में 100 से नीचे दर्ज किया गया है।
पूसा और लोधी रोड सबसे साफः
केन्द्र द्वारा संचालित संस्था सफर के मुताबिक दिन में लोधी रोड और पूसा निगरानी केन्द्र में नाइट्रोजन आक्साइड की मात्रा सबसे कम रिकार्ड की गई। लोधी रोड पर यह 31 के अंक पर और पूसा में यह 33 के अंक पर रहा। इसी प्रकार, धीरपुर में 74, दिल्ली यूनिवर्सिटी में 71, चांदनी चौक में 47, एयरपोर्ट में 79, आईआईटी में 53, मधुरा रोड पर 101, आयानगर में 55 और गुरुग्राम में 55 के अंक पर दर्ज किया गया। पता हो कि नाइट्रोजन आक्साइड की मात्रा सूचकांक में 100 से नीचे होने पर उसे संतोषजनक और 50 से नीचे होने पर उसे अच्छा माना जाता है
वाहनों का धुआं बेहद खतरनाकः
वाहनों का धुआं सेहत को बेहद नुकसान पहुंचाने वाला साबित होता है। यूं तो इसमें तमाम तरह की हानिकारक गैस का प्रदूषण होता है। लेकिन, नाइट्रोजन आक्साइड के प्रदूषण के लिए वाहनों से निकलने वाले धुएँ की जिम्मेदारी 60 से 80 फीसदी तक मानी जाती है। नाइट्रोजन आक्साइड तेज धूप के साथ ओजोन का प्रदूषण भी पैदा करता है। इसलिए नाइट्रोजन आक्साइड के प्रदूषण को बेहद खतरनाक माना जाता है और उससे निपटने के उपाय किए जाते हैं।
चीन में भी आई थी रिकार्ड कमीः
हाल ही में सफर ने अपने शोध में मुंबई, अहमदाबाद, पुणे और दिल्ली जैसे महानगरों में वाहनों के धुएँ से होने वाले प्रदूषण में कमी आने की बात कही थी। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए तमाम जगहों महानगरों में सड़कों पर उतरने वाले वाहनों की संख्या में कमी आई है। इसके चलते वहां पर प्रदूषण में भी कमी है। इससे पहले नासा ने चीन के आसमान का नाइट्रोजन आक्साइड मैप भी जारी किया था। वहां पर भी कोरोना वायरस संक्रमण के चलते वाहनों और फैक्टरियों को जब बंद किया गया तो वातावरण में नाइट्रोजन आक्साइड में भारी कमी आई थी।
तेज धूप से बढ़ेगा राजधानी का तापमान
राजधानी दिल्ली में अगले तीन दिनों में गर्मी में इजाफा होगा। मौसम विभाग का अनुमान है कि दिन भर तेज धूप रहने से तापमान बत्तीस डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाने की संभावना है। रविवार के दिन भी लोगों को खासी गर्मी झेलनी पड़ी।
दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में मार्च का मौसम अब अपना रंग दिखाने लगा है। लगातार आ रहे पश्चिमी विक्षोभों के चलते अभी तक अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे चल रहा था। लेकिन, अब गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। राजधानी के ज्यादातर हिस्सों में रविवार की सुबह से ही तेज धूप निकली रही। इसके चलते दस बजे से ही खासी गर्मी का अहसास होने लगा। दिन के कुछ हिस्सों में हल्के बादलों की आवाजाही हुई लेकिन इससे खास फर्क नहीं पड़ा। मौसम विभाग के सफदरजंग स्थित केन्द्र एक डिग्री कम है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि सोमवार के दिन तापमान 17 से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। जबकि, मंगलवार और बुधवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री से ऊपर पहुंचने का अनुमान है। इस दौरान हल्के बादलों की आवाजाही आसमान में रहने का अनुमान है।
दिल्ली की हवा साफ-सुथरीः
राजधानी दिल्ली की हवा लगातार साफ-सुथरी बनी हुई है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक रविवार के दिन अधिकतम वायु गुणवत्ता सूचकांक 191 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को मध्यम श्रेणी में रखा जाता है। शनिवार के दिन सूचकांक 184 के अंक पर रहा था। रविवार के दिन हवा की रफ्तार काफी कम रही। सुबह के समय तो हवा एकदम शांत रही जबकि बाद में भी हवा की रफ्तार 12 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंची। लेकिन, जनता कर्फ्यू के चलते वाहनों की तादाद सड़क पर नहीं दिखने के चलते प्रदूषण में ज्यादा तेजी से इजाफा नहीं हुआ।