जनता में सितारों का शोर, लेकिन संसद में हाजिरी मांगे मोर!

मुंबई
लोकसभा चुनाव के पहले एक बार फिर राजनीतिक पार्टियां लोकप्रिय फिल्म और खेल सितारों पर दांव खेल रही हैं। कांग्रेस ने जहां उर्मिला मातोंडकर को टिकट दिया है, वहीं भोजपुरी फिल्मों के स्टार निरहुआ भारतीय जनता पार्टी से लड़ रहे हैं। क्रिकेटर गौतम गंभीर भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं, लेकिन यदि जनता द्वारा सांसद के रूप में चुने जाने वाले स्टार्स की संसद में उपस्थिति देखें, तो यह निराशाजनक है।

बाबुल सुप्रियो, मुनमुन सेन, शत्रुघ्न सिन्हा ने नहीं पूछा कोई सवाल
16वीं लोकसभा में बीजेपी सांसद हेमा मालिनी की संसद में उपस्थिति जहां सिर्फ 39 फीसदी रही, वहीं गायक बाबुल सुप्रियो सिर्फ 45 फीसदी समय संसद में मौजूद रहे। बंगाली फिल्म अभिनेता दीपक अधिकारी देव की उपस्थिति सिर्फ 11 फीसदी रही। बाबुल सुप्रियो, मुनमुन सेन और शत्रुघ्न सिन्हा ऐसे सांसदों में हैं, जिन्होंने पांच साल में एक भी सवाल संसद में नहीं पूछा।

तेंडुलकर की उपस्थिति थी सिर्फ 8%
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर 2012 में कांग्रेस से राज्यसभा सांसद बने थे, लेकिन ज्यादातर समय वह संसद की कार्यवाही से गायब रहे। छह साल में उनकी उपस्थिति सिर्फ 8 फीसदी थी। पहले साल में उनकी उपस्थिति सिर्फ 5 फीसदी थी, लेकिन बाद बाकी पांच साल में सिर्फ 8.5 फीसदी समय संसद में हाजिर रहे। वह पहले और दूसरे साल बजट सत्र में एक भी दिन उपस्थित नहीं रहे थे।

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